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________________ मिश्रबंधु-विनोद नाम-(१८४०) घनश्यामदास कायस्थ । ग्रंथ-(.) अश्वमेधपर्व, (२) वसुदेवमोचिनीलीला, (३) साँझी। कविताकाल-१८६५। [प्र. त्रै० रि०] विवरण-महाराजा रत्नसिंह चरखारीवाले के यहाँ थे। नाम-(१८४०) नत्थासिंह । ग्रंथ-पद्मावत । [ तृ० त्रै० रि०] रचनाकाल-१८१५ । नाम-( १८४१ ) प्राणसिंह कायस्थ, चरखारी। ग्रंथ-स्फुट । जन्मकाज-१८७० । मृत्यु १६०७ । कविताकाल-१८९५ विवरण-रियासत चरखारी में फौज के बख़्शी थे। नाम-- (१८४१) गणेश । करौली के चौबे गणेश कवि ने मध्य संप्रदाय के गोस्वामी श्रीहरिकिशोर के पुत्र मुकुंदकिशोर के कहने से संवत् १८६५ में एक बड़ा 'रसचंद्रोदय' नाम का ग्रंथ सत्रह अध्याय का बनाया और भी कई ग्रंथ है, जिनमें १-रसचंद्रोदय, २-कृष्णभक्तिचंद्रिका नाटक, ३सभासूर्य, ४-माहात्म्य, ५-नम्रशतक नाभा के राजा देवेंद्रसिंह के लिये रचा है। करौली के यदुवंशी महाराजा श्रीमदनपालसिंहजी के समय में गणेश कवि हुए और संवत् १९११ में स्वर्गवासी हुए । नाम-(१८४२ ) विष्णुदत्त, चैमलपुरा । ग्रंथ-(१) राजनीतिचंद्रिका (खोज १६०४ ), (२) दुर्गा शतक । कविताकाल-१८ विवरण-ठाकुर जैगोपालसिंह के यहाँ थे।
SR No.032634
Book TitleMishrabandhu Vinod Athva Hindi Sahitya ka Itihas tatha Kavi Kirtan Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGaneshbihari Mishra
PublisherGanga Pustakmala Karyalay
Publication Year1929
Total Pages420
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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