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________________ अपवाद भाव-सेवा बताई हैं । यहां अपवाद का अर्थ कारण और उत्सर्ग का अर्थ कार्य समझें । केवलज्ञानी भी इस प्रकार उत्सर्ग भाव-सेवा से सिद्धों का विनय करते हैं । चौदहवे गुणस्थान में रहे हुए अयोगी केवली भी एवंभूत नय से उत्सर्ग भाव-सेवा करते हैं । यह बृहत्कल्पभाष्य का पदार्थ है - ऐसा पूज्य देवचन्द्रजी का कथन है । * दूध में मिला हुआ पानी 'दूध' कहलाता है । उसी प्रकार से प्रभु के ध्यान में रहे हुए व्यक्ति को 'प्रभु' कहा जाता है । यह अमुक अपेक्षा से । * ली हुई प्रतिज्ञा का यथावत् पालन न करें तो लगभग चारों अदत्त लगते हैं । उदाहरणार्थ - हिंसा की । भगवान ने निषेध किया है अतः तीर्थंकर अदत्त, गुरु ने निषेध किया है अतः गुरु अदत्त, स्वामी ने आज्ञा नहीं दी अतः स्वामी अदत्त, जीवने स्वयं मारने की आज्ञा नहीं दी अतः जीव अदत्त । इस प्रकार चारों अदत्त लगते हैं । इस्लाम धर्म की ७ आवश्यक बातें १. तोषा; पापों का पश्चात्ताप ।। २. जहर; इच्छा से निर्धनता स्वीकार करनी । ३. सब्र सन्तोष करना । ४. शुक्र; अल्लाह के प्रति कृतज्ञता । ५. रिजाअ; दमन । ६. तवक्कुल; अल्लाह की कृपा पर पूर्ण विश्वास । ७. रज; अल्लाह की इच्छा को अपनी इच्छा बनाना । ये सातों बातें दुष्कृत गर्दा, सुकृत-अनुमोदना एवं शरणागति में र... समाविष्ट हो जाती हैं । क्या ऐसा प्रतीत नहीं होता ? ७२ooooooooooooooooooo को
SR No.032618
Book TitleKahe Kalapurnasuri Part 02 Hindi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuktichandravijay, Munichandravijay
PublisherVanki Jain Tirth
Publication Year
Total Pages572
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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