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________________ सौधर्मेन्द्र कालिकाचार्य जैसे की परीक्षा करे, हम जैसों की नहीं । * अपने मस्तिष्क को झंकृत करने के लिए, कसने के लिए शास्त्रकारों ने कैसे-कैसे उपाय बताये हैं ? 'भगवती' में इस समय 'गांगेय' प्रकरण चलता है । उसमें भांगें की जाल आती उदाहरणार्थ, पांच जीव सात नरक में जायें तो उसके कितने विकल्प हो सकते हैं ? वे समस्त विकल्प बताये हैं । यों देखें तो अंकों का खेल लगता है, तमाशा लगता है, परन्तु गहराई से देखें तो एकाग्र बनने की कला प्रतीत होती है, धर्म ध्यान की चाबी प्रतीत होती है । सिद्धगिरि पर आदिनाथ कितनी बार आये ? प्रत्येक दस हजार, दस वर्षों के अन्तराल पर भगवान पधारते थे । आदिनाथ कुल मिला कर सिद्धाचल पर ६९ कोटाकोटि, ८५ करोड़ लाख, ४४ करोड़ हजार बार आये । पूर्व की रीति - ८४ लाख को ८४ लाख से गुणा करने पर एक पूर्व की संख्या ७०५६०००००००००० । इस संख्या को १.९९ से गुणा करने से ६९८५४४०००००००००० संख्या होगी । .. [३७८ 0008momooooooomnanon कहे कलापूर्णसूरि -२)
SR No.032618
Book TitleKahe Kalapurnasuri Part 02 Hindi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuktichandravijay, Munichandravijay
PublisherVanki Jain Tirth
Publication Year
Total Pages572
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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