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शशक (खरगोश) का बच्चा था । उसे हटाया जा सके या नहीं ? आप रेलगाडी में बैठो और बाद में शौच गये हो और आप की सीट पर अन्य कोई बैठ जाय तो ? क्या उसे उठाओगे या उपकार मानोगे कि इसने मुझे लाभ दिया ? क्या उसे नहीं उठाने की सज्जनता बता सकेंगे ? आपके आसन पर अन्य कोई बैठ जाय तब आपको क्या होता हैं ?
जितनी देह के साथ आत्मीयता बनाई है उतनी जीव के साथ आत्मीयता नहीं बनाई । इसीलिए आप सौजन्यपूर्ण व्यवहार नहीं कर सकते ।
मेरी शरण में आये हुए को कोई कष्ट न हो, यह सोचकर हाथी ने खरगोश के प्राण बचा लिये । हाथी ने ढाई दिनों तक पैर ऊंचा रखा । खरगोश के कारण हाथी को क्या मिला ? यह आप जानते ही हैं ।
पुस्तक विचारों के युद्ध में पुस्तकें शस्त्र I
कोट पुराना पहनो परन्तु पुस्तक नया खरीदो ।
बर्नार्ड शो
थोरो
आपके पास यदि दो रूपये हों तो एक रूपये से रोटी और दूसरे रूपये से पुस्तक खरीदो । रोटी जीवन देती है, तो सुन्दर पुस्तक जीवन जीने की कला सिखाता है ।
मैं नरक में भी सुन्दर पुस्तकों का स्वागत करूंगा क्योंकि उनमें ऐसी शक्ति है कि वे जहां होंगी वहां स्वयं स्वर्ग बन जायेगा । लोकमान्य तिलक
कहे कलापूर्णसूरि २wwwwwwwwwww २५७