SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 149
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ प्रभु को ध्येय के रूप में बुलाना पडेगा । "तुमे ध्येयरूपे ध्याने आवो, शुभवीर प्रभु करुणा लावो ।" हम देह का ध्यान करते हैं, लेकिन सिद्ध भगवान का ध्यान नहीं करते । सिद्धों को मिलने के दो उपाय - १. आठ कर्मों से मुक्त होकर सिद्ध बनना । २. ध्यान में ध्येय के रूप में सिद्ध को लाना । यह भी संभव नहीं हो तो तीसरा उपाय - ३. जो सिद्धों को ध्येय के रूप में बनाकर ध्यान करते हैं उनकी शरण ले लेना । सबसे श्रेष्ठ सबसे श्रेष्ठ दिन - आज का सबसे श्रेष्ठ मनोरंजन - कल्पना, पुरुषार्थ एवं सिद्धि सबसे बड़ी पहेली - जीवन सबसे बड़ा रहस्य - मृत्यु सबसे बड़ी भूल - हिम्मत हारकर पुरुषार्थ छोड़ना सबसे बड़ा स्थान - जहां आपको सफलता मिले सबसे बड़ा चोर - स्वयं को धोखा दे वह सबसे बड़ा ज्ञानी - स्वयं को पहचाने वह सबसे बड़ा दिवालिया - आत्म-विश्वास खो दे वह सबसे सरल वस्तु - दूसरों के दोष देखना सबसे कठिन बात - स्वयं को सुधारना सबसे श्रेष्ठ - प्रेम... प्रेम... एवं प्रेम कहे कलापूर्णसूरि-२0mapoooooooooooooooo१२९)
SR No.032618
Book TitleKahe Kalapurnasuri Part 02 Hindi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuktichandravijay, Munichandravijay
PublisherVanki Jain Tirth
Publication Year
Total Pages572
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy