________________
पूज्यश्री के दर्शनार्थ सा. ऋतंभरा, मदास, वि.सं. २०५१
२०-१०-१९९९, बुधवार
आ. सु. १० (प्रातः)
आज साधुपद का दिन है । आज ही मुमुक्षु मुहूर्त दिखाने आये हैं ।
दूसरे भी दीक्षा का मुहूर्त शीघ्र निकले, इस भावना से साधु पद का जाप करें ।
मेरे सन्तान ऐसी युवावस्था में इस मार्ग पर जाते हैं तो क्या मेरे लिए यह विचारणीय नहीं हैं ? हम संयमी न बनें तो भी कम से कम वैरागी तो बनें ।
परिवार में से एक तैयार हो तो कितने को खिचें ? मैं एक तैयार हुआ तो पीछे सात-आठ निकले ।
सभा : सम्पूर्ण समुदाय को आप ही खींचते हैं न ? - रूपेशभाई आदि के मुहूर्त ।
रूपेश, मंजु, तारा, रंजन, रीटा, सरला, शर्मिष्ठा, दमयन्ती, सुनीता, हंसा, दर्शना, ममता इत्यादि बहनों का माघ व. ६, बुधवार, ता. २६-१-२००० (अंजार) में दीक्षा मुहूर्त की घोषणा हुई ।।
नीताबहन का मार्ग व. १३ एवं उर्वशी तथा मोनल के जेठ सु. १० के मुहूर्त की घोषणा हुई ।
कहे कलापूर्णसूरि - १ ***
१******************************४२७