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________________ प्रतिक्रमण किया है, यह मैं वन्दनापूर्वक निवेदन करता हूं । प्रश्न : प्रतिक्रमण में गुजराती स्वाध्याय (सज्झाय) चलता है तो दूसरे समय में गुजराती स्वाध्याय क्यों नहीं चलता ? उत्तर : वयोवृद्धों के लिए गुजराती स्वाध्याय चलता ही है, परन्तु शिक्षितों के लिए नहीं । सरहद पर रहनेवालों का कर्तव्य अलग है। सामान्य प्रजा के लिए कर्तव्य अलग है । शिक्षित साधु सरहद पर रहनेवाले है । आत्म-शक्ति एक समर्थ महापुरुषमां जेटली शक्ति प्रगट थई छे, तेटली शक्ति सामान्य मनुष्यमां पण होय छे. परंतु ए समर्थ पुरुषोए भौतिक जगतना प्रलोभनोमां वेडफाई जती शक्तिओने अटकावी आत्म-स्फुरणा वडे परमतत्त्वमां जोडी अने तेने प्रगट करी. ज्यारे सामान्य मनुष्यनी शक्तिओ जमीनमां बीज रोप्या पछी जळ सिंचन के खातर नहि आपेला अनंकुरित बीज जेवी थई जाय छे. कहे कलापूर्णसूरि - १ * १ ******************************३९१
SR No.032617
Book TitleKahe Kalapurnasuri Part 04 Hindi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuktichandravijay, Munichandravijay
PublisherVanki Jain Tirth
Publication Year
Total Pages656
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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