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________________ GRANT OF BHIMADEVA II OF GUJARAT. - PLATE 1. f पञ्चसिराहावली पूर्ववत्सारावली विराजित पर मरुतरक महारा जाधिराज परामश्वरश्री मूलराजादवपादांनुथात परमरुा रक्त्तदा राजा विराऊ पर रामशरथी नासुंरा जाट वपादान थान पर मरुारक महाराजा विराज परामश्वरथी डुल्लेस राजादवपादानथात परमरुारक महाराजा सिराऊ परामस्थीती मारवपादातुधातु परमारक महाराजा विराज परासरावाला का मल्लथी कमोद नेपाली बुधात पर मरुटारक महाराजा विशुद्ध परामशरा तंतीनाथ विल वनगड नवरक जिले सिसकतर्नियीज यसिंहादवपादानथान पर गरारक महाराजा विराज परामधुरापाढ़ पतापमापनितरल प्रसाद कुंजवि मरा गए। विनिनिशान, रुरोह पालथाऊ मारपाला व पादावथात परमहारक्त महाराजाि राज्ञापरामचरपरममा श्वर वल वा दंड देशदर्पकलिकाला निकलंका वनारिनरा नराजा करदी नस पाल मा पाल श्री अजय सालादवपादानुनि परमारक महा राजा विराऊ परामश्वर देव : पराहनीयग्रह्णनका थिराजा श्री मूलराजादव पादा सुशान पर गरुड़ एक महाराजाविरा ऊपर रामधरा सिनेत सिद्धराज थी मंत्री मादतः ग्य मानदंशदी पथकान्तःपातिनः सममराज पुरु वान वाघाला सनियं काशिकाशिवाऊनपदांश्चानाभयताञ्चनः संविदितं यथा । श्रीमधिकमा शिवारया दिन संवारशानदार 95पद मास कृपकामावाद्यायलमारी कातोऽपि संवत् १२५६ शि.: पद वदित संवसरमा सप वार पूर्ब का यो निया वाटाह दाहिलपाटाका मा वाया पर्व पिसावावरावं गुरुं गर्वन ble to of the uriginal
SR No.032503
Book TitleIndian Antiquary Vol 11
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJas Burgess
PublisherSwati Publications
Publication Year1984
Total Pages396
LanguageEnglish
ClassificationBook_English
File Size19 MB
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