SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 206
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १७० महाजनवंश मुक्तावली ण्डा कहा आज पीछे आपके शन्तानको जिन संज्ञा होणी ५ जन ठाणांगमें कहे प्रभावीक पुरुषकों जिन संज्ञा है सर्व २५ वर्ष वाच - नाचार्य पदमें रहै छ महिने आचार्य पद पाला, द्वेष बुद्धिसें एक ग्रंथ में अपनी कल्पित पट्टावली लिखणे वालेनें मनमानी बात लिखी है जिनेश्वरसूरिः के पाटवल्लभ सूरिः को लिखा है और अपने ही हाथसे जैन कल्प वृक्षमें जिनेश्वर सूरिः चन्द्रसूरिः अभयदेवसूरिः के पट्टपर वल्लभ सूरिः कों लिखा है उस समय द्वेष नहीं जगा होगा बाद तो द्वेष बुद्धि प्रत्यक्ष दरसाई है कुछ तो पूर्वापर विचारणा था २ पाट दुसरे लेखमें उठाया जिनेश्वर सूरिः के ७० वर्ष वीतने बाद वल्लभसूरिः हुए हैं भगवतीकी टीका तो देखी होगी उसमें अभय देवसूरिः खुद लिखते हैं जिनेश्वर सरिके चन्द्र सूरिः उन्होंकामें अभय देव सूरिः नेये वृत्ती रची तो जिनेश्वर सूरिःके पट्ट पर वल्लभ सूरिःकैसे हुए प्रमाणीक ग्रंथ बनाकर उसमें कल्पित पट्टावलीमें असमंजस लिखणान्यायां भोनिधि पदकों झलकाया, मालुम देता है, चर्चाका चांद उदय करणेवाला जो लिखता हैं सो सब जाहिरा मालुम दिया है, फिर लिखा है कु पुरी गच्छवासी वल्लभसूरिः छकल्याणकवरिके प्ररूपणा करी, न तो जिन वल्लभ सूरिःका कुर्च्च पूरी गच्छ था न षटू कल्याणक इन्होंनें प्ररूपणा करीछ कल्याणक प्ररूपणेवाले श्रुतकेवली भद्र वाहू स्वामी हैं, नहीं माननेवाले आपलोकहो, पहलेका गच्छ अगर लिखणेका प्रवाह आप मन्जूर करते हो तब तो मेघ विजयका लोंका गच्छ पीछे क्यों नहीं लिखा अगर फिर ऐसा है तो लिखणेसें कोई द्वेषापत्ती तो नहीं होगी पंजाबी ढूंढिया जीवण दासका शिष्य आत्मारामजीनें बुंटेरायजीका शिष्य हो अहमदाबाद में सोरठ देश सत्रुंजय तीर्थकों अनार्य देशकी प्ररूपणा करी, इस बातको विचार कर प्रमाणीक लेख प्रमाणीक पुरुष होकर यथार्थ ही लिखणा जरूर था वल्लभ सूरि:नें तुह्मारी तरे विरुद्ध आचरणा छोड़ दी थी फेर ऐसा आक्षेप द्वेष बुद्धिसें क्यों करा । ४३ श्रीजिन वल्लभ सूरिः इन्होंके समय मधुकर खरतर गच्छ भेद । १ ।
SR No.032488
Book TitleMahajan Vansh Muktavali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamlal Gani
PublisherAmar Balchandra
Publication Year1921
Total Pages216
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy