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________________ महाजनवंश मुक्तावली ( श्री बीकानेर गद्दीनसीन महाराजा ) १ रावश्री बीकाजी १३ महाराजा श्रीजोरावर सिंहजी. २ रावश्री नेराजी १४ महाराजा श्रीगन सिंहजी ३ रावश्री लूणकर्णनी १५ महाराजा श्रीराज सिंहजी ४ रावश्री जैत सिंहनी .. १६ महाराजा श्रीप्रताप सिंहनी ५ रावश्री कल्याण सिंहजी १७ महाराजा श्रीसूरत सिंहजी ६ महाराजा श्रीराय सिंहजी १८ महाराजा श्रीरत्न सिंहजी ७ महाराजा श्रीदलपत सिंहजी १९ महाराजा श्रीसरदार सिंहनी ८ महाराजा श्रीसूर सिंहजी २० महाराजा श्री डूंगर सिंहजी ९ महाराजा श्रीकरण सिंहजी २१ महाराजाधिराज श्रीगङ्गा सिंहजी. १० महाराजा श्रीअनोप सिंहजी बहादुर विजयराज्ये ॥ ११ महाराजा श्रीसरूप सिंहजी महाराज कुमार सादूल सिंहनी १२ महाराजा श्रीसुजाण सिंहनी जैसा लिख पाया वैसा सब राजवियोंकी पीढी लिखी हैं विद्यमान् महाराजा श्रीगङ्गासिंहजी बहादुर बडे भाग्यशाली बड़े बुद्धिशाली बड़े न्याय. नीतिमें अग्रेश्वरी प्रजा पालनेमें साक्षात् राजा रामचन्द्रजी जैसै जिन्होंकी कीर्ति सब बादशाहीयोंमें रोशन है । अंग्रेज सरकार पंमचनार्ज सम्राट तथा गवर्नर जनरल साहबोंके माननीय चन्द्रसूर्य ध्रुवकी तरह राज्य करते हुए, आप हुजूर साहब चिरंजीव रहे । यह ग्रंथ करताका आशीर्वाद है । राष्ट्रकूट याने राष्ट्रमांयने भारत वर्ष रूपराज्य जनपद देश उसके राजवियोंमें कूट याने शिखर समान उसका नाम (राठौड़) कन्नोजकी बादशाही तूटी, तब सीहाराव आसथानजी खरतर गच्छ यती आचार्य श्रीजिनदत्त सूरिःके उपकारसें आभारी हुए सं. विक्रम १२०० सेके उतारमें पाली नगरमें खरतर गुरू जात राठोड़ मानेंगे एसी प्रतिज्ञा करी इसका विस्तार विवरण बीकानेरके बड़े उपासरेके ज्ञान भण्डारमें सर्व चमत्कार उपकारका विस्तार वर्णन हैं आगे चुंडाजी पड़िहारोंके मंडोवरमें सादी करी, ( दोहा ) चूडा.
SR No.032488
Book TitleMahajan Vansh Muktavali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamlal Gani
PublisherAmar Balchandra
Publication Year1921
Total Pages216
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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