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महाजनवंश मुक्तावली
मुझकों भी लगेगी, और मेरा भी पराभव होणेसें, दुखकी भागनी होऊंगी तब रातकों देवी, इस राजाकों उठाकर, नरकमें लेगई, प्रथम तो उधर वह . जीव फरसी लेलेकर राजाकों मारणे दौड़े, जिन २ जीवोंको इसनें अग्निकुण्डमें हवन किया था, और महा दुर्गध महा विकराल मनुष्यसे वर्णन नहीं किया जावै, ऐसे नरककों देख राजा रोता पीटता भागणे लगा, तब लक्ष्मीदेवी मृत्युलोकमें लाकर वोली, अरे राजा इस यज्ञसें तुं मरकर, नर्क जायगा, और तैंने जो पाप किये हैं और तेने जो मारे है वह जीव अग्निकुण्डमें, तेरेसे बदला लेंगे, तब राजा वोला, हे माता, अब इस पापसें कैसे छुटूं मेरा उद्धार कर ( ऐसाही हाल प्राचीन वर्दी राजाका नारदजीने यज्ञके पापके बदलेमें नरक दिखाकर छुडाया है, देखो भागवत पुराण विष्णुओंका, उसमें लिखा है ) तत्र महालक्ष्मी देवी वोली हे राना प्रभात समय, भगवान महावीरके शन्तानी लोहाचार्य महाराज, यहां आयेंगें, उन्होंकी वाणी, सर्व जीवहितकारिणी, भव समुद्र तारणी सुणकर, पापारम्भ छोड़, दया सत्य बोलणादि धर्मग्रहण करणा, तेरा उद्धार होगा, प्रभात समय, लोहाचार्य ( गर्गाचार्य ) अपर नाम, पधारे, राजा सपरिवार गया, दया क्षमाकों सुनकर, जैसें सांप कञ्चुकी त्यागता - है, तैसें मिथ्यात्व धर्म त्याग, सम्यक्त युक्त श्रावक ब्रत लिया,
___ऋषि लिखा है भिक्षुक कर्म करनेवाले छत्तीसही पूणसे दानादिक प्रति गृहीयोंकी शन्तान लिखा है जो उग्रवंश राजपूतों से प्रगट हुए हैं वह भिक्षुक जाति जैनधर्मवालोंको नहीं मानना अग्रवाले बडे दानी बड़े शूर बडे व्यापारी प्रत्यक्ष दीखते हैं ये बात ब्राह्मणोंसें कभी नहीं होसके दान लेनेवालोंकी जाति कभी ऐसा दान नहीं कर सकती इसवास्ते अग्रवाल अव्वल राजन्य वंशी वैश्य है बीजकी तासीर, कभी मिटे नहीं जैनधर्मवालोंके इतिहासको उल्टा सुल्टा करके माहेश्वर कल्पद्रुम वालेने शैव विष्णु धर्मी प्रथमसे सिद्ध करणे की कल्पित बात लिखी है वैष्णवमती अग्रवंसी निरापेक्षीपणेसें कसोटी लगाकर बुद्धिसें परिक्षा करले इतिहास कौनसा सच्चा है अलं विस्तरेण, सतरेराणियोंके तो १७ पुत्र किसी जगह लिखा है अठारमा पुत्र राजाकी पासवान ब्राह्मणी पड़दायत्त थी उसका नाम गौण था इस वास्ते आधा गोत्र ठहराया, और बहुत लेख ऐसा है कि उग्रकुलवाले जो राजाके गोत्री वैश्य थे, उन्होंका आधा गोत्र ठहराया, मतलब आधेमें तो सत्रह पुत्र राजा होनेसें, और आधेमें सब गोत्री भाई, ऐसा एक अग्रवाल कुल ब्याह करणा आपसमें ठहराया माता अलग २ होनेसें, फक्त दूध टाल दिया जैसें मुसलमान लोक टालते हैं, आगे हिन्दमें ये