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________________ NAGAcc.ad - संख्या १२ १२८ महाजनवंश मुक्तावली. | गोत्र देवी गोत्र देवी । खडनर वारणी देवो १५ | तेलियागोत्र । कान्तश्वरी देवी | पुलपगर पावई देवी १६ बलोलागोत्र अम्बा देवी भीलण होड़ा अंबाई देवी १७ | खेलणगोत्र कन्टेश्वरी देवी रयणपारखा रयणी देवी | १८ | खामी गोत्र वरवासनी देवी अभयिया रोहणी देवी १९ हरसोलगोत्र चक्रेश्वरी देवी ' भुद्रपसार भवानी देवी | २० | नागर गोत्र नीणेश्वरी देवी चिभडिया धरू देवी |२१ | जसोहरगोत्र झांझणी देवी ८ पवलमथा पायई देवी २२ | झडपडागोत्र पिशाची ९ पदमह पलवी देवी २३ बारोड पिपला १० समनोहर सोहणी देवी २४ कथौटिया पीरण | कलशधर , मौरिण देवी २५ पंचलोल मौरठा ककूलो चक्रेश्वरी देवी २६ | मोकरवाडा १३ | वारठेच बहुरूपणी देवी २७ वसोहरा सीवाणी १४ - सापडिया पद्मावती देवी २८ (अथ गौरारा महाजन जैनी गोत्र २२) गौरारे श्रावक तीन प्रकारके हैं? गौरारारे २ गोल सिंघारे ३ गौला पूरब इन सबोंका जैन धर्म है रहना इन्होंका ग्वालियर इटावा, आगरा, इलाकेमें है इन्होंकी उत्पत्ति कहांपर कैसे हुई सो तोपाई नहीं परन्तु गोत्र मिले सो लिख दिया है किसीको मालूम होय तो लिख भेजणेसें दुसरी बेर छपाया जायगा । गोत्र गोत्र गोत्र १ । पावई कैसे गेई ९ जमसरिया | १७ चौधरी आन्तरिक २ गयली कैसैं गेई १० चौधरी जासूद १८ चौधरी कूकऱ्या ३. पैरिया ११ चौधरी कैलसे १९ डघा गोत्र ४ वेद गोत्र २० तरुटिया गोत्र नखेबुखेद १३ | ढन सइया गोत्र | २१ वडसइया गोत्र | सिमरइया १४ अदवइया गोत्र २२ तेत गुरिया ७ कौमाडिया १५ सगफ गोत्र ८ सौहानें १६ | चौधरी बरांदकै । » संख्या v ur
SR No.032488
Book TitleMahajan Vansh Muktavali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamlal Gani
PublisherAmar Balchandra
Publication Year1921
Total Pages216
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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