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- महाजनवंश मुक्तावली..
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| संख्या
गोत्र,
संख्या
__गोत्र
सख्या
गोत्र
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AGRA
१६ पगाऱ्या गोत्र ३० अबेपुरा गोत्र ४४ चमान्य गोत्र १७ वैरखंड्या गोत्र ३१ निगोत्या गोत्र ४५ सुरलाया गोत्र
दीवड्या गोत्र ३२ काबरिया गोत्र ४६ सौराया गोत्र वडमूंढ्या गोत्र ३३ | ठाइया गोत्र ४७ सीलौस गोत्र | तातहड्यागोत्र ३४ कुचील्या गोत्र ४८ सावण्या गोत्र मंडाया गोत्र | ३५ मादलिया गोत्र ४९ जंबाल गोत्र वालदचट गोत्र ३६ सेठ्या गोत्र ५० केतग्या गोत्र पीतल्या गोत्र | ३७ मुंईवाल गोत्र. ५१ खरड्या गोत्र दगोऱ्या गोत्र ३८ सांभय गोत्र ५२
. २५ । भन्या गोत्र | ३९ | सरवड्या गोत्र देहतोडा गोत्र
|४० पापल्या गोत्र जिठाणीवाल | ४१ भूगरवाल गोत्र | मथूय गोत्र | ४२ ठग गोत्र २९ । जोगिया गोत्र । ४३ वहरिया गोत्र । ___ इन महाजनोंका वंश व देवीका पत्ता लगा नहीं इस वास्ते लिखा नहीं है और जादा इतिहास लिखणेसें ग्रंथ भी बध जाता है.लोक गुणके तरफ खयाल रखणे वाले कम वस यह कह उठेंगे दाम ज्यादह लगाये हैं इस लिये। a (अथ नरसिंघपुरे महाजन जैनी गोत्र २८)
नरसिंघपुर नगर झब्बलपुर दक्षण मध्यदेशमें हैं दिगाम्बराचार्य भट्टार- . कजी रामसेनजीके उपदेशसे बेद यज्ञ नानाजीव वध घातरूप मिथ्यात्व धर्मत्यागके अष्टद्रव्य पूना चैत्यालयमें श्री २४ तीर्थकरके मूर्तिकी सम्यक्त युक्त नरसिंघपुरका राजा प्रजाके साथ जैनधर्म आदर करा इन्होंकी वस्ती मालवा मेवाड़ तथा धूलेवगढ केशरिया नाथ तीर्थपर है।