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________________ जैन-विभूतियाँ 437 26. श्री सुभाष प्रियदर्शी स्नातकीय उपाधि हासिल कर श्री मांगीलाल भूतोडिया के ज्येष्ठ पुत्र सुभाष शुरु से ही पिता के वकालत पेशे में सहयोगी रहे हैं। कन्ज्यूमर कोर्ट केसों में गहरी पेठ है। ग्रीटिंग कार्ड्स का निर्माण, सिक्कों एवं स्टाम्पों का दुर्लभ संग्रह उनकी हॉबी है। "प्रियदर्शी प्रकाशन'' का समस्त कार्यभार इन्हीं के कंधों पर है। 27. डॉ. संदीप प्रियदर्शी श्री मांगीलाल भूतोड़िया के मंझले पुत्र संदीप वैज्ञानिक हैं। उन्होंने Cyto Genetics में डॉक्टरेट की। सम्प्रति पूना में उनकी अपनी टीश्यू कल्चर लेबोरेट्री एवं ग्रीन हाउस हैं। वे ड्रिप एरीगेशन टेकनीक के व्याख्याता हैं। पपीता, केला, गन्ना, स्ट्राबेरी एवं विभिन्न फूलों के पौधे परखनली में Cell पद्धति से पैदा कर जमीन में रोपने की अधुनातन प्रणाली को देशभर में लोकप्रिय बनाने में संलग्न हैं। 28. डॉ. शिवम प्रियदर्शी - श्री मांगीलाल भूतोड़िया के कनिष्ठ पुत्र शिवम ने कलकत्ता विश्वविद्यालय के एम.बी.बी.एस. परीक्षा के 10 विषयों में विशेष योग्यता के लिए 17 पदक जीते एवं तदर्थ फिल्जर एवार्ड से सम्मानित हुए। एम.एस., एम.सी.एच. एवं डी.एन.बी. की डिग्रीयाँ हासिल कर सम्प्रति सवाई मानसिंह अस्पताल, जयपुर में यूरोलॉजी विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर पद पर बतौर सर्जन सेवारत हैं। उनकी धर्मपत्नि डॉ. वर्षा उसी अस्पताल में बतौर 'एनेसथेसिस्ट' एसोसिएट पद पर सेवारत हैं। 29. स्व. प्रकाशचन्द जैन पू. श्रीगणेशप्रसाद वर्णी के अनन्य भक्त खण्डेलवाल लुहाड्या परिवार में जन्मे श्री प्रकाशचन्दजी ने सासनी (अलीगढ़) में काँच उद्योग स्थापित कर ख्याति अर्जित की। शिक्षा, स्वास्थ्य एवं धर्म प्रभावना के लिए आपने प्रशंसनीय अनुदान दिये। सम्मेद शिखर जैन तीर्थ की सुरक्षा एवं जीर्णोद्धार हेतु आपका योगदान अनुरकणीय था। सन् 1995 में आप स्वर्गस्थ हुए। समाज ने मानवीय मूल्यों
SR No.032482
Book TitleBisvi Shatabdi ki Jain Vibhutiya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMangilal Bhutodiya
PublisherPrakrit Bharati Academy
Publication Year2004
Total Pages470
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size39 MB
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