________________
432
जैन - विभूतियाँ
8. श्री के. एल. जैन
ग्राम लकड़वास (उदयपुर) निवासी श्री रतनलालजी जैन के सुपुत्र श्री के. एल. जैन स्नातकीय परीक्षा उत्तीर्ण कर बैंक सेवा से जुड़े। सेवाकाल में श्रमिक संगठनों के शीर्ष पदों पर कार्य किया। भारत सरकार के केन्द्रीय श्रमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा संचालित श्रमिक शिक्षा योजना के अन्तर्गत श्रमिक शिक्षक के रूप में प्रशिक्षण दिया। 1995
बैंक सेवा निवृत्ति के बाद अखिल भारतीय सेवानिवृत्त बैंक कर्मचारी संघ उदयपुर संभाग के मंत्री पद पर कार्यरत हैं। सम्प्रति समग्र जैन समाज की संस्था श्री महावीर जैन परिषद् उदयपुर के सहसंयोजक एवं कोषाध्यक्ष, महावीर विकलांग सहायता समिति के संस्थापक / कोषाध्यक्ष, श्री मेवाड़ मन्दिर जीर्णोद्धार कमेटी उदयपुर के मंत्री, श्री केशरियानाथ तीर्थ रक्षा कमेटी, श्री राजस्थान जैन संघ संस्थान के मंत्री पद पर सेवारत हैं।
*
9. श्री बच्छराज अभानी
बीकानेर के श्री भिखनचंदजी अभानी के सुपुत्र श्री बछराजजी बम्बई, सूरत, अहमदाबाद आदि की प्रसिद्ध मीलों के एजेंट रूप में व्यवसायरत हैं। आप वीरायतन ( राजगृह), महावीर विकलांक केन्द्र (बीकानेर), श्री जैन कल्याण संघ, श्री जिनेश्वर सूरि भवन भवानीपुर, श्री जैनसभा (1997 से 1999 ) के अध्यक्ष रहे हैं एवं श्री जैन हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर हबड़ा के आजीवन ट्रस्टी हैं।
10. श्री सुन्दरलाल दूगड़
बीकानेर के श्री मोतीलालजी दूगड़ के सुपुत्र श्री सुन्दरलाल जी भवन निर्माण के क्षेत्र में अग्रणी हैं। आप श्री जैन विद्यालय, हावड़ा के अध्यक्ष श्री श्वे. स्था. जैन सभा, कार्यकारिणी समिति के सदस्य, जैन कल्याण संघ के संरक्षक, महेन्द्र मुनि मिशन के ट्रस्टी, बीकानेर का . के. संघ ट्रस्ट के ट्रस्टी, श्री जैन सभा, कोलकाता के कार्यकारिणी समिति सदस्य, जैन गौतम समिति के कार्यकारिणी सदस्य, श्री जीतयश स. ट्रस्ट के ट्रस्टी, श्रीकरणी गौशाला के
उपाध्यक्ष, म. आ. विद्यालय के संरक्षक, देशनोक नागरिक संघ के
संस्थापक/अध्यक्ष, जैन श्वे. श्री संघ, कोलकाता के ट्रस्टी एवं कार्यकारिणी अध्यक्ष, आदिनाथ जैन श्वे. श्री संघ ट्रस्टी, भगवान महावीर श्वे. श्रीसंघ के ट्रस्टी एवं मंत्री एवं एस. एल. दुगड़ दान ट्रस्ट के ट्रस्टी हैं।