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जैन-विभूतियाँ
389 उक्त सूचि से यह साफ परिलक्षित होता है कि ऐसे दान दाता विश्व के इतिहास में गिने चुने ही हुए हैं। संवत् 2005 में उन्होंने अपनी समस्त भारतीय सम्पत्ति को एक ट्रस्ट के सुपुर्द कर दिया। यह मेघजी पेथराज चैरिटेबल ट्रस्ट निरन्तर शैक्षणिक अवदान देता रहता है। इससे मेघजी भाई की स्मृति सर्वदा अक्षुण्ण रहेगी।
मेघजी भाई पण्डित नेहरू, जामनगर की महारानी एवं महाराज के साथ
संवत् 2012 में उन्हें भारत की राज्यसभा का सदस्य मनोनीत कर उनका समुचित सम्मान किया गया। संवत् 2021 में अचानक हृदय गति अवरोध से इस नर पुंगव का देहावसान हो गया। आप दो पुत्रों एवं पाँच पुत्रियों से भरा-पूरा परिवार छोड़कर स्वर्गस्थ हुए।