________________
341
जैन- विभूतियाँ
संवत् 2025 में वे दिवंगत हुए । आचार्य तुलसी ने उन्हें 'निष्काम कर्मयोगी' एवं- अमर मुनि ने 'सूखी धरती का मेघ' कहकर श्रद्धांजलि अर्पित की। श्री कन्हैयालालजी सेठिया ने दूगड़ जी की 'कालजयी' विशेषण से अभ्यर्थना की कलकत्ता में ओसवालों की प्रतिनिधि संस्था 'ओसवाल नवयुवक समिति' के भवन निर्माण के लिए वे कभी स्वयं चन्दा माँगने निकले थे। समिति ने संवत् 2042 में उनकी संगमरमर की वक्ष प्रतिमा अपने प्रांगण में स्थापित कर अपने को धन्य माना । संवत् 2036 में अखिल भारतवर्षीय अभिनन्दन समिति की ओर से आपकी स्मृति में एक वृहद् स्मृति ग्रन्थ प्रकाशित हुआ, जिसमें सभी प्रेमियों के श्रद्धा सुमन ही नहीं, आपके क्रियाकलापों का सही आकलन एवं दान-वर्षा का अनोखा किन्तु अपूर्व लेखा जोखा दर्ज है।