SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 244
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 220 जैन-विभूतियाँ पण्डित नेहरू के साथ विचार-विमर्श करते हुए श्री सिंधी उनके अदम्य साहस, क्षमता और निडरता का एक उदाहरण संवत् 2007 में सामने आया। पूर्वी पाकिस्तान (अब 'बंगलादेश') में फंसे हजारों हिन्दुओं को पश्चिमी बंगाल में लाने की चुनौती सामने थी। पं. बंगाल के मुख्यमंत्री डॉ. विधानचन्द्र राय ने बड़े सोच-विचार के बाद सिंघीजी को इस अभियान की कमान सौंपी। बड़ी ही खतरनाक परिस्थिाति में 17 विशाल जहाजों का बेड़ा लेकर सिंघीजी रवाना हुए। जैसे-जैसे पूर्वी पाकिस्तान का किनारा नजदीक आ रहा था पानी में डूबती उतरती लाशें दिख रही थी, साम्प्रदायिकता ने खुलकर खून की होली खेली थी। खुलना के पास पाकिस्तान सेना ने आकर जहाजों को घेर लिया। नेहरू, लियाकत अली और डॉ. विधान चन्द्र राय से सम्पर्क किया गया, समझौतों की याद दिलाई गई तब कहीं पाकिस्तानी सेना राजी हुई। ढाका, नारायणगंज, चाँदपुर, बारीसाल से शरणार्थी शिविरों में घोर दुर्दशा भोगते बीस हजार हिन्दुओं को जहाजों पर लादा गया। पर रसद और ईंधन भला पाकिस्तानी क्यों देते। रसद खत्म होते देर न लगी और तब शुरु हुआ भूख से तड़पना और दम तोड़ती मौतों का सिलसिला। कोलकाता पहुंचने तक एक सौ पचास लाशों को
SR No.032482
Book TitleBisvi Shatabdi ki Jain Vibhutiya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMangilal Bhutodiya
PublisherPrakrit Bharati Academy
Publication Year2004
Total Pages470
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size39 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy