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जैन-विभूतियाँ
165 श्री बलवंतसिंह मेहता का जन्म उदयपुर में 8 फरवरी, 1900 में हआ। आपके पिता श्री जालिमसिंह मेहता एवं माता अनेकुँवर का परिवार प्रतिष्ठित व कुलीन ऐतिहासिक परिवार माना जाता है। मेवाड़ को मुगलों से सामना करने तथा राजपरिवार की सुरक्षा करने में इस परिवार ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। यही कारण था कि श्री मेहता की बनौली (विवाह पूर्व शोभायात्रा) महाराणा के राजमहलों से प्रारम्भ हुई थी। यह सौभाग्य राजपरिवार के अतिरिक्त किसी अन्य परिवार को प्राप्त नहीं हुआ। यह एक विडम्बना ही है कि एकीकरण तथा नवलपुरा जागीरदार बने रहने के बावजूद श्री मेहता को मेवाड़ के महाराणा की राजशाही और जागीरदारी व्यवस्था के प्रति विद्रोह करना पड़ा। लेकिन आपकी ईमानदारी, कर्तव्यनिष्ठा और देशप्रेम से परिचित होने के कारण आपको मेवाड़ के राजपरिवार ने सदैव सम्मान ही दिया। उन्हीं के परामर्श पर मेवाड़ के तत्कालीन महाराणा भूपालसिंहजी ने अपनी रियासत भारत सरकार को सौंप दी और वे राजस्थान के महाराज प्रमुख बने। उन्होंने जनहित में अपनी समस्त राज-सम्पत्ति भी सरकार को दे दी।
श्री मेहता ने अपनी शिक्षा उदयपुर व भीलवाड़ा तथा उच्च शिक्षा फर्गुसन कॉलेज, पूना से प्राप्त की। 13 वर्ष की अल्पायु में आपका विवाह
| दूल्हा वेश में सजे-धजे मास्टर बलवंतसिंह (बैठे हुए में दाएँ से दूसरे)