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________________ 117 जैन-विभूतियाँ 29. जस्टिस फूलचन्द मोघा (1888-1949) जन्म : सहारनपुर, 1888 पिताश्री : बसंत राय मोघा (श्रीमाल) पद/उपाधि : राय बहादुर (1936), कश्मीर राज्य कानून व रेवन्यू मंत्री (1938), चीफ जस्टिस, रेवा राज्य दिवंगति : 1949 न्याय और विधि के क्षेत्र में अखिल भारतीय स्तर पर ख्याति एवं सम्मान अर्जित करने वाले श्रीमाल गोत्रीय श्री फूलचन्द मोघा का जन्म सन् 1888 में सहारनपुर में हुआ। कोलकाता के प्रेसिडेंसी कॉलेज से स्नातकीय परीक्षा उत्तीर्ण कर सन् 1911 में आपने अलीगढ़ में वकालत शुरु की। अगले वर्ष ही सरकार ने उन्हें मुन्सिफ नियुक्त कया। कानूनी विषयों में उनकी पैठ का उचित सम्मान करते हुए सन् 1924 में वे जज बना दिए गए। सन् 1927 में सरकार ने उन्हें अपना कानूनी सलाहकार नियुक्त किया। सन् 1936 में वे राय बहादुर की पदवी से विभूषित किए गए। सन् 1938 में मोघाजी तात्कालीन महाराज हरिसिंह द्वारा कश्मीर राज्य के कानून एवं रेवेन्यू विभाग के मंत्री बनाए गये, जिस पद पर वे सन् 1942 तक सेवारत रहे। वे सर्वप्रथम भारतीय थे जिन्हें किसी प्रांतीय सरकार का यह अहम विभाग सौंपा गया हो। तदुपरान्त वे रेवा राज्य के हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस नियुक्त हुए। स्वतंत्रता प्राप्ति पर रेवा राज्य विंध्य प्रदेश का अंग बन गया अत: मोधाजी प्रदेश-हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बने, जहाँ वे 1949 में मृत्युपर्यंत सेवारत रहे। ___आपका सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण अवदान था न्याय और विधि संबंधी एक अनुपम ग्रंथ ''प्लीडिंग्स इन ब्रिटिश इंडिया' की रचना जिसमें न्यायालयों में व्यवहृत विभिन्न विषयों के दावों एवं जवाबदावों के नमूने संग्रहित हैं। इस ग्रंथ
SR No.032482
Book TitleBisvi Shatabdi ki Jain Vibhutiya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMangilal Bhutodiya
PublisherPrakrit Bharati Academy
Publication Year2004
Total Pages470
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size39 MB
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