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जैन-विभूतियों सन् 1986 में अकाली नेता संत हरचरणसिंह लोंगोवाल एवं तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री राजीव गाँधी के बीच समझौता वार्ता सम्पन्न कराकर पंजाब को आतंकवाद से मुक्त कराने में आचार्य सुशील कुमार ने अहम् भूमिका निभाई। पंजाब की सरकार ने आचार्यश्री को 'लोगोंवाल एवार्ड' से सम्मानित करने की घोषणा की परन्तु उन्होंने एवार्ड लेने से इन्कार कर दिया। सन् 1982 में न्यूयार्क में विश्व के शांतिवादियों द्वारा आयोजित विशाल रैली का नेतृत्व आचार्यश्री ने किया। उसी वर्ष संयुक्त राष्ट्रसंघ द्वारा विश्वशांति की स्थापना के लिए पाँच धर्म नेताओं एवं छ: राजनेताओं की एक कार्यकारी समिति का गठन हुआ। इस ग्लोबल समिति का नाम "Temple of Understanding" रखा गया। इस समिति के निर्देशक आचार्यश्री सुशीलकुमार चुने गए। विश्व के 300 सर्वोच्च नेता इस समिति की स्वागत सभा में उपस्थित थे।
सन् 1989 में लन्दन में आयोजित विश्व हिन्दू कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन एवं अध्यक्षता आचार्य सुशीलकुमार जी ने की। आस्ट्रेलिया के मोलबोर्न शहर में आयोजित विश्व सम्मेलन को पशु-पक्षी एवं पर्यावरण संरक्षण हेतु उन्होंने सम्बोधित किया। सन् 1990 में मास्को में आयोजित Human survival global conferance 3174 Aaf te zifaler रहे। इस सभा को रूस के राष्ट्रपति मिखाइल गोर्बोचोव ने भी सम्बोधित