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बहुरत्ना वसुंधरा : भाग - १
पता : लालुभा मफाजी वाघेला, मु.पो. ट्रेन्ट वाया : वीरमगाम, जि. अहमदाबाद (उत्तर गुजरात) पिन : ३८२१५१, दूरभाष : 02715 - 51482
(लालुभा का दृष्टांत प.पू. पंन्यास प्रवर श्री महायशसागरजी म.सा. (हाल आचार्यश्री) के श्रीमुखसे पालिताना में आगममंदिर के उपाश्रयमें सुनने के बाद सं. २०५२ में हमारा चातुर्मास वीरमगाँव के पास में मांडल गाँव में हुआ था, तब लालुभा को पत्र द्वारा बुलाने पर हमारे पास आये थे। बाद में सं. २०५३ में शंखेश्वर तीर्थमें चातुर्मास के दौरान भी दो बार मिले थे । उनकी तस्वीर के लिए देखिए पेज नंबर 25 के सामने.
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करोड़ नवकार के आराधक, निद्रा विजेता जयंतिलालभाई जयरामभाई वीराणी ( पटेल)
जामनगरमें पटेल जातिमें उत्पन्न हुए जयंतिलालभाई (उ.व.५८) ने इलेक्ट्रीक विषयमें 'गवर्मेन्ट डिप्लोमा' की उपाधि प्राप्त की है ।
आज से १४ साल पूर्व विद्वद्व पू. गणिवर्य श्री अरुणविजयजी म.सा. (हाल पंन्यास) का चातुर्मास जामनगर में हुआ था, तब उनके प्रवचन एवं सत्संग से जयंतिलालभाई के पूर्वभवीय जैनत्व के संस्कार जाग्रत हुए एवं उन्होंने जैन धर्म अंगीकार किया । आज उनकी विशिष्ट दिनचर्या निम्नोक्त प्रकार की है।
पिछले १३ साल से वे रातको शय्या पर लेटते नहीं हैं, मगर बैठे बैठे ही अल्पतम आराम करके प्रातः ३ बजे पद्मासन लगाकर सामायिक लेकर नवकार महामंत्र का जप करते हैं । इस क्रम को दि. २६-१-९९ के दिन १३ साल पूरे हुए हैं। अभी १४ वाँ साल चालु है।
करोड़ नवकार जप करने की भावनासे प्रतिदिन ३३ पक्की नवकारवाली का जप करते हुए गत वर्ष उनका १ करोड़ नवकार जप पूर्ण हुआ है । कितनी अप्रमत्तता एवं अंतर्मुखता !! बहुरला वसुंधरा - १-2