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अनुक्रमणिका
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रम प७...somo.....
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प्राप्ति स्थान एवं खास सूचना. कृपया मुझे अवश्य पढ़ें... प्रकाशकीय ............. नाकोड़ा पार्श्वनाथ तीर्थ का संक्षिप्त परिचय... सादर समर्पण .......... प्रकाशन के सहयोगी दाता............ ऋण स्वीकार.. आराधक रत्नों की अनुमोदना समारोह की तस्वीरों का परिचय ............. प्रास्ताविकम् प्रशंसना च.......... अगम अर्थ अनुमोदना का एवं अनुमोदन गीत जरा किए, पढिए और आगे बढिए (संपादकीय) अनुक्रमणिका
...........................00000000000000000000000000000000............................................
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॥ "बहुरना वसुंधरा" भाग-१...... १ आजीवन ठाम चौविहार अवड्ढ एकाशन-वनमालीदासभाई ......... भावसार १ २ दो ही द्रव्यों से ७७ साल तक निरंतर एकाशन करनेवाला.......... ब्राह्मण ६ ३ नवकार महामंत्र को सिद्ध करनेवाले लालुभा ..................... वाघेला १०
करोड़ नवकार के आराधक निद्रा विजेता जयंतिलालभाई......... पटेल १७ २८ वर्ष की उम्र में सजोड़े ब्रह्मचर्य व्रतधारक रामसंगभाई ........ दरबार १९ एक ही द्रव्य से ठाम चौविहार ५० ओली के आराधक दानुभाई .....दरबार २४ सार्मिक भक्ति के बेजोड़ दृष्टत रूप लक्ष्मणभाई ................... नाई २५ ...अहिंसामय जैन धर्म के अद्भुत रूप से पालक डॉ.खान .....पठाण २८ ...अनन्य नवकार प्रेमी रसिकमाई जनसारी............................मोची ३२ सत्संग के प्रभावसे लोहा सोना बना ! संजयभाई...................... सोनी ३६
प्रतिदिन १८ घंटे जैन धर्म के पुस्तकों को पढनेवाले शंकरभाई...... पटेल ३८ १२ अध्यात्म परायण प्रोफेसर केसुभाई डी. परमार....... . .. क्षत्रिय ४० १३ सेलून में भी देव-गुरु की तस्वीरें रखनेवाले पुरुषोत्तमभाई ..... १४ अजोड़ जीवदयाप्रेमी मंगाभाई............
............... ठाकोर ४४ १५ पर्युषण के आठवें दिन पक्खी पालनेवाले कांयाभाई माहेश्वरी ....... हरिजन ४८ १६ "मेरे जैसा सुखी कोई नहीं होगा" पितांबरदास .. .......................मोची ४९ १७ भाग्यशाली भंगी की भव्य भावना .......................... ...भंगी ५१ १८ १६ उपवास के साथ चौसठ प्रहरी पौषध के आराधक गजराजभाई......मोची ५३ १९ विरासत छेड़ दी, मगर जैन धर्म नहीं छोड़ा !................. मुसलमान ५५
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