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________________ बहुरत्ना वसुंधरा : भाग - 3 561 1 91 121 182 124 1 124 - . . 1 182 3365 9000 से अधिक 1173 13500 से अधिक उपरोक्त तपश्चर्या में चौविहार भद्रोत्तर तप (100 दिनों में 75 उपवास) ... चौविहार धर्मचक्र तप (34 दिन में 25 चौविहार उपवास)... चौविहार प्रतर तप (56 दिनों में 40 चौविहार उपवास, कंठीतप (43 दिनों में 28 चौविहार उपवास) और 4 बार चौविहार पंचरंगी तप (100 दिनों में 75 चौविहार उपवास) का भी समावेश होता है। प्रत्येक बड़ी तपश्चर्या की समाप्ति आप एक साथ अनेक चित्रविचित्र अभिग्रहों की धारणा एवं उनकी पूर्ति होने पर ही करती हैं / उदाहरण के रूपमें -वि.सं. 2018 में आपने केलवा (मेवाड़) में छाछ
SR No.032468
Book TitleBahuratna Vasundhara
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahodaysagarsuri
PublisherKastur Prakashan Trust
Publication Year1999
Total Pages478
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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