________________
शीलवंत-गुणवंत हुए कई अमर ।
वसुंधरा भी गौरव पाय.... पुष्प हैं रंग रंग के । (२) कोई तपस्वी त्यागी है आजीवन भर, ज्ञानी ध्यानी और मौनी कोई प्रवर ।
रत्नों का आकर कहाय... पुष्प हैं... (३) सच्ची स्पर्शना की है भावधर्म की, परभाव त्याग अध्यात्म मर्म की ।
अंतर्मुखी भी वही हो जाय.... पुष्प हैं... (४) जिनशासन-प्रणेता, जिनेश्वर प्रभु। महा उपवन के सिंचक, रक्षक विभू ।
उनकी कृपा के पात्र बन जाय... पुष्प हैं... (५) महोदयसागरजी का है विशाल दिल, मुनि जयदर्शन वि. भी उनसे हिलमिल ।
गुरू गौरव की शान बढाय... पुष्प हैं...
132