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बहुरत्ना वसुंधरा : भाग २
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नहीं, टयुशन नहीं, कोचिंग क्लास नहीं और परीक्षा भी नहीं । बाकी के समय में बालक की प्रतिभा के विकास के लिए उसको कौनसी कला सीखनी होगी, उसका मार्गदर्शन दिया जायेगा । छ साल में बालक एस.एस.सी. पास हो जायेगा और विविध कलाओं में पारंगत हो जायेगा ।
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पहली बेच में १५ विद्यार्थीओं से प्रारंभ किया जायेगा । आप भी आपके बालक को इस प्रकार की शिक्षा देना चाहते हों तो ३८६८२१६ इस नंबर से दूरभाष के द्वारा किरणभाई का संपर्क कर सकते हैं । क्रांतिका प्रारंभ ऐसे छोटे से प्रयोग से ही होता है । किरणभाई के प्रयास में शैक्षणिक क्रांतिका बीज द्रष्टिगोचर होता है ।
('मिड डे' दि. १०-५-९६ में से साभार) 錦
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श्री के.पी. संघवी चेरीटेबल ट्रस्ट के सुक्तों की हार्दिक अनुमोदना
भारत में ट्रस्ट अनेक हैं, किन्तु निःस्वार्थभावसे, परोपकार के हेतुसे धर्मोद्धारक और जनहित के कार्यों में सदा प्रयत्नशील ट्रस्ट के रूपमें श्री के.पी.संघवी चेरीटेबल ट्रस्ट एक बेजोड़ संस्था है ।
मालगाँव (जि. सिरोही राजस्थान) निवासी माता कनीबहन और पिताश्री पूनमचंदजी के अनेकविध सुकृतों की अनुमोदना हेतु एवं उनका ऋण यत् किंचित् अंश में भी अदा करने की भावना से धर्मवीर, आबु गोड़रत्न ( १ ) सुपुत्र श्री हजारीमलजी पूनमचंदजी संघवी ( २ ) सुपुत्र बाबुलालजी पूनमचंदजी संघवी और (३) पौत्र श्री किशोरभाई हजारीमलजी संघवी ( श्री के. पी. संघवी परिवार) द्वारा संस्थापित उपरोक्त ट्रस्ट के द्वारा कराते हुए अनेकविध उत्तम और अनुमोदनीय सत्कार्यों का विवरण श्री प्रकाशभाई के. संघवी के द्वारा संप्राप्त हुआ है, जो अन्य ट्रस्टों को प्रेरणा और अनुमोदना का लाभ मिले और उपरोक्त ट्रस्ट को शुभेच्छा रूप शक्ति संप्राप्त हो इस हेतु से यहाँ प्रस्तुत किया जा रहा है ।
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