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तस्वीर परिचय . (१) नित्य जिनपूजा, उभयकाल प्रतिक्रमण, ९९ यात्रा, ४५ ओली, केशलोच
आदिके विशिष्ट आराधक, बेजोड़ साधर्मिक भक्त, श्री लक्ष्मणभाई
(नाई) (जोधपुर - राजस्थान) (बहुरत्ना वसुंधरा भाग-१, दृष्टांत नं. ७) (२) पिछले १८ वर्षों से ५१ उपवास, १०८ उपवास आदिके महातपस्वी
श्री भीखाभाई कचराभाई दरजी (अहमदाबाद - गुजरात) (बहुरत्ना
वसुंधरा भाग-१, दृष्टांत नं. ५१) (३) १० बार अठ्ठाई तप के तपस्वी, साधु-साध्वीजी वैयावच्चकारी, श्री
सुरेशभाई अंबालाल पारेख (नाई) (नार-गुजरात) (बहुरत्ना वसुंधरा
भाग-१, दृष्टांत नं. ५०) (४) विरोध होते हुए भी जैन धर्म का अडिगतासे पालन करनेवाले श्री
रिजुमलजी नथमलजी खत्री (निवृत्त पोलीस) (बाड़मेर-राजस्थान)
(बहुरत्ना वसुंधरा भाग-१, दृष्टांत नं. २०) (५) प्रतिदिन सपरिवार २ घंटे तक जिनभक्ति करनेवाले, अनन्य नवकार
प्रेमी सुपात्रदानकारी, श्री रसीकभाई जनसारी (मोची) (पाटणगुजरात) (बहुरत्ना वसुंधरा भाग-१, दृष्टांत नं. ९) ।
(१) मासक्षमण आदि तपश्चर्या करनेवाले श्री सुखाभाई पटेल (धोलेरा
गुजरात), (बहुरत्ना वसुंधरा भाग-१, दृष्टांत नं. ३६) (२) स्वप्नमें आचार्य भगवंत के दर्शन से जीवन परिवर्तन को हांसिल
करनेवाले श्री अमृतलालभाई राजगोर (ब्राह्मण) (वालवोड़-गुजरात)
(बहुरत्ना वसुंधरा भाग-१, दृष्टांत नं. २२) (३) मासक्षमण के तपस्वी एवं जिनबिम्ब भरानेवाले श्री भाणजीभाई
प्रजापति (थानगढ - सौराष्ट्र) (बहुरत्ना वसुंधरा भाग-१, दृष्टांत नं. ५४) (४) ६४ प्रहरी पौषधके साथ १६ उपवास, अठ्ठाई तप, आयंबिल आदि
के आराधक श्री गजराजभाई मंडराइ (मोची) (डोंबीवली-मुंबई) " (बहुरत्ना वसुंधरा भाग-१, दृष्टांत नं. १८) (५) धोबीका व्यवसाय करते हुए भी पर्वतिथियों में कपड़े नहीं धोनेवाले श्री
रामजीभाई धोबी (कोठ-गुजरात) (बहुरत्ना वसुंधरा भाग-१, दृष्टांत नं. ३०) (६) मासक्षमण आदि के तपस्वी, चतुर्थव्रतधारी मोहनभाई (मोची) (गढडा-स्वामीनारायणवाला) (बहुरत्ना वसुंधरा भाग-१, दृष्टांत नं. ५३)
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