________________
तस्वीर परिचय
(१) श्री वर्धमान आयंबिल तप, अठ्ठाई, अठ्ठम आदि के तपस्वी महाराष्ट्रीयन पेईन्टर श्री बाबुभाई राठोड़ ( मणिनगर - गुजरात ) ( बहुरत्ना वसुंधरा भाग - १ दृष्टांत नं २९)
(२) ६४ प्रहरी पौषध के साथ अठ्ठाई तप, वर्धमान तप, केशलोचन आदिके विशिष्ट आराधक श्री कांयाभाई लाखाभाई माहेश्वरी - हरिजन (कच्छ-बिदडा) (बहुरत्ना वसुंधरा भाग - १ दृष्टांत नं. १५) (३) अठ्ठाई तप, प्रतिक्रमण, चैत्यवंदन, व्याख्यान श्रवण आदि के आराधक सेवाभावी, स्वातंत्र्यसेनानी, वैद्यराज अनुप्रसादभाई (नाई ) ( मणिनगर - गुजरात ) ( बहुरत्ना वसुंधरा भाग - १ दृष्टांत नं. २६) (४) सेलूनमें भी सुदेव - सुगुरु की तस्वीरें रखनेवाले, उपाश्रयमें शयन करनेवाले, विशिष्ट आराधक श्री पुरुषोत्तमभाई पारेख (नाई ) ( साबरमती - गुजरात ) ( बहुरत्ना वसुंधरा भाग - १, दृष्टांत नं. १३) (५) सुदेव - सुगुरू - सुधर्मके प्रति अटूट आस्था रखनेवाले, विशिष्ट नवकार आराधक, भूतपूर्व सरपंच श्री बहादूरसिंहजी जाडेजा (राजपूत) ( कच्छ मोटा आसंबीआ) ( बहुरत्ना वसुंधरा भाग - १, दृष्टांत नं. ३९) *
(१) पौषधके साथ १६ उपवास के तपस्वी, सामायिक एवं नवकार के आराधक, सप्त व्यसनत्यागी डॉ. खान महमदभाई कादरी ( पठाणमुस्लिम) (अहमदाबाद - गुजरात ) अपनी बेटी के साथ ( बहुरना वसुंधरा भाग - १, दृष्टांत नं. ८)
(२) धर्मपत्नी एवं २ सुपुत्रों को दीक्षा दिलाकर स्वयं जीवदया के सत्कार्यों में पूर्ण समर्पित, अशोकभाई जीवदयावाले (पूना - महाराष्ट्र) ( बहुरत्ना वसुंधरा भाग - २, दृष्टांत नं. १३३)
(३) नित्य एकाशन, श्रेणितप, सिद्धितप आदि के तपस्वी, मिष्टान्न - फूट-दूधघी आदिके आजीवन त्यागी, रसनेन्द्रिय विजेता, श्री छोटुभाई मश्करीया (सुदामड़ा - सौराष्ट्र), (बहुरत्ना वसुंधरा भाग - २, दृष्टांत नं. १३६ ) (४) श्रावकों के सत्संगसे सपरिवार जैन धर्म का पालन करते हुए श्री बाबुभाई जवरचंदजी ( जुलाहा - बुनकर ) ( कुक्षी - मध्यप्रदेश) ( बहुरत्ना वसुंधरा भाग - १ दृष्टांत नं. २७)
(५) साधु-साध्वीजी भगवंतों की अनुमोदनीय वैयावच्च करनेवाले मूळजीभाई मास्तर (हरिजन) (देवकी वणसोल - गुजरात) (बहुरत्ना वसुंधरा भाग - १, दृष्टांत नं. ३२)
15