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तस्वीर परिचय * केवल १० वर्षकी बाल्यवयमें गुरुमुखसे २ बार श्रवण करने
द्वारा सिर्फ ३ घंटेमें भक्तामर स्तोत्र को कंठस्थ करनेवाले...! * फक्त २ घंटे में "अरिहंत बंदनावलि" (४९ श्लोक) कंठस्थ
करनेवाले..! * केवल २ घंटोंमें "रत्नाकर पचीशी" कंठस्थ करनेवाले...! * सिर्फ २ घंटोंमें सकलार्हत् स्तोत्र के गुजराती पद्यानुवाद (३४
श्लोक) को कंठस्थ करनेवाले...! बाल श्रावकरत्न ऋषभकुमार बिपीनभाई महेता (मुंबई-घाटकोपर, सांघाणी अस्टेट निवासी, फोन : ५१४९०७८) (बहुरत्ना वसुंधरा भाग-२, दृष्टांत नं. १२५) का बहुमान करते हुए बा. ब्र. प्रभुभक्त सुश्रावक श्री दीपककुमार रायसी गाला (कच्छ चांगडाई वाला) (प्रस्तुत पुस्तक के संपादक गणिवर्य श्री के संसारी लघुबंधु)
(१) केवल ३॥ सालकी बाल्यवयमें अट्ठाई तप (निरंतर ८ उपवास) एवं
४॥ सालकी उनमें निरंतर १० उपवास करनेवाला बाल मुमुक्षुरत्न
विवेककुमार (मीरां रोड मुंबई) (भाग-२, दृष्टांत नं. १२५) (२) ७ वर्षकी बाल्यवयमें अट्ठाई तप करनेवाला सौरभकुमार
सतीशभाई शाह (साबरमती) (भाग-२, दृष्टांत नं. १२५) (३) ४ वर्षकी बाल्यवयमें अट्ठाई तप करनेवाला बाल श्रावक
सागरकुमार दिलीपभाई सुतरीया (जामनगर - हाल मोरबी
भाग-२, दृष्टांत नं. १२५) (४) ३ कलाकमें भक्तामर एवं २ कलाकमें अरिहंत वंदनावलि आदि ____ कंठस्थ करनेवाले ऋषभकुमार बिपीनभाई महेता (उपरोक्त) (५) नवकार महामंत्र को सिद्ध करनेवाले लालुभा मफाजी वाघेला . (मु. ट्रेन्ट, जि. विरमगाम - गुजरात) (बहुरत्ना वसुंधरा भाग
१, दृष्टांत नं. ३)