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बहुरत्ना वसुंधरा : भाग - १ उपवास तक कुल २० दिनकी यह कठिन तपश्चर्या सानंद परिपूर्ण की । इतना ही नहीं, किन्तु इस तपके बादमें केवल तीन दिन पारणा करके पर्युषणमें ५ एकाशन और एक अठ्ठम द्वारा क्षीरसमुद्र तप भी कर लिया।
पर्युषण के बाद संघके मंत्री श्री टोकरसीभाई मारु और एक सोलह वर्षीय किशोर आदि कुछ श्रावकोंको मस्तकके बालों का लुंचन करवाते हुए देखकर बाबुभाई को भी लोच करवाने की भावना हो गयी थी। वर्धमान तपके दौरान वे धोती और उत्तरासंग पहनकर जिनपूजा भी करते थे।
इस चातुर्मास में रोहितभाई ठक्कर (उ. व. ४०) नाम के एक जैनेतर युवान भाई भी हररोज २ कि.मी. दूरसे पैदल चलकर ठीक समय पर ही व्याख्यान श्रवण के लिए आते थे । उन्होंने ४ महिने तक निरंतर मौन किया था और अधिकांश समय जपमें बिताते थे ।
सं. २०५१ में सा. श्री चारधर्माश्रीजी आदिका चातुर्मास मणिनगरमें था तब बाबुभाई ने पर्युषणमें अठाई तप भी किया था ।
शंखेश्वर तीर्थमें आयोजित अनुमोदना समारोहमें बाबुभाई भी उपस्थित रहे थे । उनकी तस्वीर पेज नं. 15 के सामने प्रकाशित की गयी है ।
पता : बाबुभाई राठोड (पेइन्टर) C/ लक्ष्मीचंदभाई शामजी छेडा १५ स्वप्न लोक, लो गार्डन के पास, एलीसब्रीज, अहमदाबाद (गुजरात) पिन : ३८०००६, फोन : ६५६५५२५
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पाँच तिथि कपड़े नहीं धोनेवाले
धोबी रामजीभाई
अहमदाबाद जिलेके कोंठ गाँवमें वि. सं. १९९३ में प. पू. आ. भ. श्री विजय मेरुप्रभसूरीश्वरजी म.सा. का चातुर्मास हुआ था तब वहाँ कपड़े धोनेका व्यवसाय करनेवाले एक धोबी भाई ने पूज्यश्री की प्रेरणासे प्रत्येक महिनेमें पाँच तिथि कपड़े नहीं धोनेका नियम ग्रहण किया था।