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- जिसके दिल में श्री नवकार, उसे करेगा क्या संसार? - ___मेरे रोग का प्रकार, कमर में विचित्र दर्द, मवाद और हडिड्यों में सड़न किस प्रकार शीघ्रता से हुआ? पेरेलाइसिस की संभावना, ऑपरेशन के खतरे आदि बातों की जानकारी सर ज्योफ्री नाइट ने सरलतापूर्वक डॉक्टरों की सभा के समक्ष पेश की।
तीन घंटे तक अनेक सर्जिकल बिन्दुओं की चर्चा करने के बाद भी ऑपरेशन की पूर्व भूमिका और सफलता के कारणों का कोई स्पष्ट निर्णय नहीं हो सका। अंत में GOD IS ALMIGHTY तथा GOD ONLY KNOW या GOD IS GREAT आदि बोलने के साथ भारतीय डॉक्टर की धर्मश्रद्धा एवं प्रभु-विश्वास की प्रशंसा के साथ सभी डॉक्टर कुतूहल और विस्मय के मिश्रित भावों के साथ ईश्वरीय शक्ति की प्रेरणा के साथ बिखरे।
इस सभा की जानकारी से मेरी आत्मश्रद्धा बहुत मजबूत हुई। संसार में हकीकतों से कोई इन्कार नहीं कर सकता, इसलिए एलोपथी विज्ञान भी जहाँ सोच में पड़ गया, वैसी विषमतर स्थिति में से गुजरता हुआ जीता जागता मैं सबके कुतूहल रूप बना, जिससे मैं इस स्थिति का सर्जन करने वाली ईश्वरीय शक्ति में ज्यादा श्रद्धा प्राप्त कर सका।
मैंने इसी कारण सभी भौतिक साधन जब बेवफा बने तब मृत्यु के मुख में से जिस शक्ति ने मुझे बाहर निकाला, उस शक्ति को वफादार बने रहने के लिए, जीवन में धर्म एवं श्री नवकार महामंत्र के प्रति पूर्ण समर्पण भाव लाने के लिए, पाँच तिथि अभक्ष्य अनंतकाय का भक्षण बंद किया। दूसरे उपायों से भी जीवन में पौद्गलिकता के स्थान पर सात्त्विकता को स्थान दिया।
मैंने पूर्ण स्वस्थ होने के बाद लाखों की कमाईवाली भी नौकरी से इस्तीफा दिया, क्योंकि जिस धर्म ने, जिस श्री नवकार ने मुझे मृत्यु के मुंह में से बचाया अब तो उसी की छत्र-छाया में जीवन को सफलतापूर्वक बिताने के ध्येय से मैंने भारत वापिस जाने का निर्णय किया। मैंने सहदय डॉक्टर मित्र बंधुओं और अस्पताल की सलाहकार समिति, प्रबंध समिति के सदस्यों के प्रेम भरे इन्कार के बाद भी मुश्किल
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