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-जिसके दिल में श्री नवकार, उसे करेगा क्या संसार? हुए 'सिविल सर्जन डॉ. सर ज्योफ्री नाइट जाँच कर, जो निर्णय लें वो सही, 'ऐसा सोचकर सभी आश्चर्य, चिंता और संशय की स्थिति में खेलने लगे।
सोमवार सुबह आठ बजे सर्जरी डिपार्टमेंट के सबसे बड़े डॉ. सर ज्योफ्री नाइट ड्युटी पर हाजिर हुए कि तुरंत डॉ. निकलसन, डॉ. रीड और अन्य भी सहायक डॉक्टरों ने मेरे केस को कौतूहल, भय, विस्मय आदि के भाव चेहरे पर व्यक्त करते हुए, उनके समक्ष प्रस्तुत किया। डॉ. नाइट |ने मुझे अत्यंत सजगता से जांचा और वे हाउसींग सर्जन डॉ. रीड पर अत्यंत गुस्सा करते हुए बोले कि -'इतना गंभीर केस, तुम अभी तक इसे ऑपरेशन थियेटर में नहीं ले गये? सर्जरी करने में इतना विलम्ब कैसे? अंदर सेप्टिक कितना हो गया है? ___वे मेरी पत्नी श्राविका और छोटी दो बालाओं को देखकर बोले, "क्या तुम्हारी मानवता मर गयी है? तुम्हें ऐसे मासूम बच्चों एवं छोटी उम्र की पत्नी पर भी दया नहीं आयी? 'तुमने इस केस में इतना विलम्ब कैसे किया?'' आदि आक्रोश भरी वाणी से सभी को उपालंभ देकर, तुरंत स्ट्रेचर गाड़ी मंगवाकर मुझे ऑपरेशन थियेटर में ले जाने की कड़क सूचना के साथ डॉ. नाईट "राउण्ड का कार्य जल्दी से निपटाकर मैं ऑपरेशन थियेटर में आ रहा हूँ" इस प्रकार कहकर गये।
डॉक्टरों और नर्सी ने तुरंत तैयारी कर मुझे इंजेक्शन, दवा की गोलियाँ देकर खून चढ़ाकर-कपड़े बदलकर तैयार किया। स्ट्रेचर गाड़ी में सुलाकर ऑपरेशन थियेटर में ले जाने लगे।
उस समय कल सुबह गुलाबी फार्म पर हस्ताक्षर करने से ऑपरेशन की गंभीरता को जानकर श्राविका के रूप में मुझे विशिष्ट प्रकार से आश्वासन देने के लिए मेरी पत्नी मेरे सामने एकटक से देखकर कुछ कहने की सोचने लगी, लेकिन मोह के प्रभाव से जैसे मैं मृत्यु की गाड़ी में बैठकर मृत्यु की ओर जा रहा हूँ, ऐसी कल्पना से ऐसे प्रेम के आवेग से मेरी पत्नी एकदम विह्वल बनकर अश्रूपात करने लगी।
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