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-जिसके दिल में श्री नवकार, उसे करेगा क्या संसार? है। में प्रवास में जाते समय या धंधे के लिए दुकान में प्रवेश करते समय अवश्य नवकार मंत्र बोलता हैं। इससे मुझे आर्थिक रूप से व्यवसाय में | भी सहायता मिलती है। ऐसा मेरा स्वयं का अनुभव है। नवकार मंत्र से चाहे वैसा बुखार उतर जाता है, ऐसा भी मेरा अनुभव है। "नमो लोए सव्वसाहूणं' की उलटी माला फेरनी चाहिये। डॉक्टर बुलाने में विलम्ब होता हो या नजदीक न हो तब प्रयोग कर देखना, चमत्कार होगा। बुखार उतर जाता है। केवल 10 माला प्रतिदिन, "ॐ नमो अरिहंताण" की फेरता हूँ। इससे भी अपूर्व शान्ति अनुभव करता हूँ। नवकार मंत्र की एक माला तो अवश्य जैनों को फेरनी ही चाहिये। मैं फेरता हूँ। मानसिक खिंचाव कभी अनुभव नहीं करता, यह हकीकत है। महान मंत्र नवकार का उपयोग श्रद्धा पूर्वक करो। स्वयं अनुभव होगा कि नियमित आठ-दस महिनों तक नवकार मंत्र की माला फेरने के बाद फायदे की शरूआत होगी। जल्दी करने से आम पकते नहीं हैं। इस सिद्धान्त से माला फेरना, ऐसा मेरा अनुभव है।
लेखक : श्री टोकरशी देवजी गडा (गुंदाला (कच्छ) वाले) नीरव एन्टरप्राइजेज, 34, नानजीभाई चेम्बर्स, बहुचराजी रोड़, कारेली बाग, बड़ोदरा-390018
"तू मुझे नहीं बचाएगा?"
(पू. प्रगुरुणीवर्या सा. श्री अरुणोदयश्रीजी म.सा. के जीवन में घटित घटना का आलेखन इस लेख के माध्यम से अभिव्यक्त कर रही हूं।)
सं. 2036 के चातुर्मास में पूज्य श्री के गले में से आवाज निकलनी कम हो गयी और सं. 2037 के चिंचबंदर चातुर्मास में तो गला एकदम बंद हो गया। मुम्बई के टाटा हॉस्पीटल के डॉक्टरों ने कैंसर रोग घोषित किया। डॉक्टरों ने कई प्रकार के उपचार किये, किन्तु उनके उपचार कारगर साबित नहीं हो रहे थे। हमारी सभी की चिंता बढ़ने लगी।
उस दिन पूज्य श्री गहरे चिंतन में डूबे हुए थे। "जिस नवकार के एक अक्षर के स्मरण से 7 सागरोपम का, एक पद से 50 सागरोपम
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