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- जिसके दिल में श्री नवकार, उसे करेगा क्या संसार? कुछ नहीं आये, किन्तु शुद्ध मन से, शान्त चित्त से नवकार की माला गिनोगे तो अनन्त कर्मों की निर्जरा होगी। दूसरे भी कई महान लाभ होंगे। संसार का प्रत्येक कार्य करने से पूर्व नवकार मंत्र का स्मरण करना चाहिये। जिससे कार्य सफल होगा, कार्य में कोई विघ्न नहीं आयेगा, भूत-प्रेत परेशान नहीं कर सकेंगे, सांप-बिच्छू का जहर भी नवकार मंत्र के प्रताप से उतर जाता है। भयंकर से भयंकर रोग भी नवकार मंत्र से समाप्त हो जाते हैं। "सभी रोगों की औषधि एक ही मंत्र है नवकार, जप लो मंत्र बड़ा नवकार।" ऐसा सब संतों के मुख से सुनने से मुझे छोटी उम्र में ही नवकार मंत्र पर बहुत ही श्रद्धा और विश्वास उत्पन्न हुआ।
छोटी उम्र में धर्म संस्कारों का बीज आज 67 वर्ष की उम्र में वटवृक्ष जैसा हुआ है, ऐसा कहूं तो गलत नहीं है। हमेशा में 6-7 सामायिक और अष्टमी, पाक्षिक के दिन दस सामायिक करता हूँ। देश (कच्छ) में होता हूँ, तो निवृत्ति में 15-17 सामायिक भी करता हूँ। मैं दोनों समय प्रतिक्रमण, नवकारसी, चौबीस घंटों में से बाईस घंटे चौविहार, नवकार मंत्र की 10-12 माला, एवं दो चार बार अनानुपूर्वी करता हूँ। यह मेरा नित्यक्रम है। नौ लाख नवकार मंत्र का जाप तो पांच-छ: बार हो गया होगा। उसकी कोई गिनती नहीं है। यह मेरी बड़ाई नहीं, हकीकत आपके सामने पेश कर रहा हूँ। कभी घर से बाहर जाता हूँ, तो प्रथम तीन नवकार गिनता हूँ। दुकान में पैर रखते भी नवकार, खाना खाने बैठते |समय भी नवकार, चलते-फिरते, उठते-बैठते, यात्रा में भी नवकार का रटन चालु ही रहता है।
अभी तक के जीवनकाल में मुझे कभी भी कोई तकलीफ नहीं आयी है। यह सब प्रताप है, नवकार मंत्र का। दुकान में बहियों में भी नवकार मंत्र लिखता हूँ। दूसरा कुछ बहियों में पूजन नहीं करता हूँ। देव-गुरु-धर्म तत्त्व पर पूरी-पूरी श्रद्धा है। दूसरी किसी भी नाटकवाणी में मुझे कहीं भी लालच ही नहीं है। अब नवकार महामंत्र के प्रताप से मेरे जीवन में जो प्रत्यक्ष अनुभव, चमत्कार हुए हैं, वे आपके समक्ष पेश करता हूँ। सर्वप्रथम, जब मैं बीस वर्ष का था, तब मेरी शादी हुई। शादी |
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