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-जिसके दिल में श्री नवकार, उसे करेगा क्या संसार? - माला पानी में डाली। उसके बाद उसे बाहर निकालकर वह पानी भानजे को पिलाते खून की उल्टी बन्द हो गयी, अस्पताल में जाने की आवश्यकता ही नहीं पड़ी।
(2) सर्प का जहर उतर गयाः- ट्रेन्ट गांव में एक कोली के युवान लड़के को जहरी सर्प के काटने से, लड़का मृत प्रायः होकर गिर पड़ा। उसे बैलगाड़ी में डालकर उसके माता-पिता रोते-रोते लालुभा के पास आकर लड़के को बचा लेने की याचना करने लगे। दयालु लालुभा ने गुरुदेव को याद करके उपर अनुसार एक पक्की नवकार की माला से अभिमंत्रित जल का, जहर से बेहोश हुए लड़के के मुख पर छिड़काव किया और सभी के आश्चर्य के बीच लड़का तुरन्त आलस्य मोड़कर खड़ा हो गया और चलने लग गया। जहर उतर गया। लड़के के माता-पिता लालुभा को पैसे देने लगे। परन्तु निःस्पृही लालुभा ने एक पैसा भी नहीं लेते हुए वे पैसे जीवदया में खर्च करने की सलाह दी। जब वे स्वयं सरपंच थे, तब लालुभा ने अत्यंत ही नीतिपूर्वक कई ग्रामवासियों के झगड़े घर बैठे निपटा दिये, किन्तु किसी के पास से एक पैसा भी नहीं लिया था।
(3) छः माह पुराना पेट का असह्य दर्द गायब हो गयाः- ट्रेन्ट गांव में साइकिल से डाक पहुंचाते ब्राह्मण डाकिये के पेट में असह्य दर्द शुरू हुआ। महिनों तक अहमदाबाद जाकर उपचार कराने के बाद भी उसका दर्द शान्त नहीं हुआ। आखिर में लालुभा के पास आकर विनति करने पर उपरोक्त प्रकार से 108 नवकार से अभिमंत्रित जल पिलाते दर्द सदा के लिए दूर हो गया।
(4) बिच्छू के डंक की पीड़ा शांत हुई :- एक बार लालुभा के हाथ में काले बिच्छू के डंक देने से हाथ में अवर्णनीय, असह्य, भंयकर पीड़ा होने लगी। यह देखकर उनके माताजी ने गारुड़ी मांत्रिक को बुलाने की तैयारी की। परन्तु लालुभा ने उन्हें ऐसा करने से रोककर एक कमरे में बैठकर, दरवाजा बन्द कर एक घण्टे तक एकाग्रचित से श्रद्धापूर्वक नवकार
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