________________
-जिसके दिल में श्री नवकार, उसे करेगा क्या संसार? करने का प्रयास वृतियाँ नहीं करतीं। परमेष्ठियों की वरद कृपा अन्तर हूंकार पूर्वक प्रतिक्षण अशुभ अध्यवसायों की भूमिका से भावों को परिवर्तित करती रहती हो, वैसा अनुभव होता है। यह सभी आपकी निष्कारण करुणा का प्रताप है। आशीर्वाद देने की कृपा...
संग्राहक-संपादक
"नवकार महामंत्र का प्रभाव"
इस कम्प्युटर युग में भी नवकार महामंत्र के चमत्कार होते हैं। इस महामंत्र की भाव से जो आराधना करता है, इस मंत्र को ही जो समर्पित हो जाता है, वह आज भी सफल होता है।
जब अपना भारत देश आजाद हुआ, तब की यह बात है। सं. 2004 और ई. सं. 1947 की साल थी। तब हम दो ठाणे में और मेरी शिष्या सा. श्री रतनश्रीजी भचाउ से पडाणा (वागड़) की ओर जा रहे थे, तब गांववासियों ने बहुत मना किया कि आज विहार करने में जोखिम है। फिर भी हमने विहार किया। एक कि.मी. चले होंगे, वहां ब्रिटिश सरकार की सेना की गाड़ियां पंक्तिबद्ध आती दिखाई दी, क्योंकि ब्रिटिश सरकार को भारत छोड़ो का आदेश मिल गया था। हम बहुत भयभीत हुए। क्योंकि वह बहुत असभ्य बोलते थे। भारत देश छोड़ते-छोड़ते भी लोगों को दुःख देने की आदत नहीं गयी थी। हमने यह भी सुना था कि दो-तीन स्त्रियों को भी वे उठाकर ले गये हैं। उसके बाद हम नवकार मंत्र के स्मरण एवं रटन में खो गये। संपूर्ण रूप से नवकार को समर्पित हो गये। उतने में सामने से कोई अनजान आदमी दूध की कावड़ लेकर आता दिखाई दिया। इस आदमी ने सामने से आकर हमको कहा कि, "तुम घबराना नहीं, मेरे साथ चलो, में तुमको एकदम छोटे रास्ते से गांव की ओर पहुंचा दूंगा।"
हम उस आदमी के साथ चलने लगे। बहुत कम समय में किसी
282