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-जिसके दिल में श्री नवकार, उसे करेगा क्या संसार?
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पूज्य श्री का जन्म : गुजरात राज्य के कच्छ जिले में मांडवी । तहसील के चांगड़ाई गांव में वि.सं. 2008 आषाढ शुक्ल 7 रविवार || दिनांक 29-6-1952 को हुआ था। ...
पिता रायसीभाई के कुलदीपक मनहरलालभाई को अत्यंत । धर्मनिष्ठ, आदर्श श्राविकारत्न माता पानबाई के द्वारा जन्म से ही जैन । ॥ धर्म के सुंदर संस्कार प्राप्त हुए।
चौथी कक्षा तक कच्छ-चांगड़ाई में अध्ययन करने के बाद कक्षा 11 5-6 कच्छ-दुर्गापुर बोर्डिंग में, कक्षा 8-11 तक मुम्बई -माटुंगा बोर्डिंग ।। में एवं बाद में दो वर्ष तक श्री महावीर जैन विद्यालय-गोवालिया । टेक-मुंबई में रहकर आपने INTER SCIENCE तक प्रायः हमेशा प्रथम क्रमांक में उत्तीर्ण होकर व्यावहारिक अध्ययन किया।
'जीवन में सच्चे अर्थ में सुखी होने के लिए कौन सा मार्ग । अंगीकार करना चाहिए' इस विषय पर भाद्रपद पूर्णिमा रविवार की पूरी
रात श्री महावीर जैन विद्यालय में मनोमंथन करने के बाद मातृश्री के धर्मसंस्कार एवं पूर्व जन्म के किसी शुभ संस्कारवशात् चारित्र का मार्ग , । अंगीकार करने के उत्तम परिणाम प्रकट हुए एवं कॉलेज की पढ़ाई । छोड़कर कच्छ में रहकर योगनिष्ठा, तत्वज्ञा, बा.ब्र.पू.सा.श्री गुणोदयश्रीजी ।
म.सा.की निश्रा में कर्मग्रंथादि धार्मिक अभ्यास एवं पंडित शिरोमणिश्री हरिनारायणमिश्र के पास पांच वर्ष तक संस्कृत -प्राकृत व्याकरण, न्याय, साहित्य,षड्दर्शन आदि का सांगोपांग अध्ययन किया।
बाद में संयम के स्वीकार की अनुमति प्रदान करने के लिए, । पिताश्री को समझाने की बहुत कोशिश करने के बावजूद भी सम्मति न । | मिलने पर आखिर मातृश्री आदि के आशीर्वाद लेकर अपनी ज्येष्ठ बहिन
विमलाबेन (हाल सा. श्री वीरगुणाश्रीजी-कि जो भी मनहरभाई के साथ " में सा. श्री गुणोदयश्रीजी म.सा. एवं पं श्री हरिनारायण मिश्र के पास 5
वर्ष से अध्ययन करती थीं) के साथ कच्छ-देवपुर गांव में वि.सं. 2031 || माघ सुदि 3 के दिन 23 साल की युवावस्था में दीक्षा अंगीकार की एवं |
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