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जिसके दिल में श्री नवकार, उसे करेगा क्या संसार?
की गति प्राप्त हुई। जब तक PLANE 3/4th RUN WAY का हिस्सा व्यतीत कर चन्द सेकण्डों में तो आकाश में अद्धर हो जाने वाला ही था कि.... अचानक धमाके सी आवाज आई और विमान की चाल बदलने लगी। खिड़की में से देखा तो बाहर की मशीन से आग के गोले निकले जा रहे थे। मुख में नवकार का जाप आदत - अभ्यास मुताबिक चालु ही था। भयानक आवाज और विचित्र रुकावट से दौड़ रहे प्लेन में सब यात्री भयभीत बन गये और मैं तो खास चौकन्ना बन गया, क्योंकि अहमदाबाद | AIRPORT पर PLANE CRASH में सभी यात्री के मौत की घटना ताजी थी, और वेसे भी सुना था कि विमानी सफर में उड़ान व उतार की घड़ियां नाजुक होती हैं। भय से कुछ मुक्त व कुछ व्याप्त बना मैं नवकार को स्पष्ट उच्चारण पूर्वक गिनने लग गया कि उसी समय ऊपर की CABIN में से LUGGAGE गिरने लगा । विमान पर PILOT का नियंत्रण नहीं जैसा रहा, जिससे विमान हवाई पट्टी छोड़कर निकट के एक खेत में चलने लगा। पथराव राह पर बैलगाड़ी में बैठने से जो स्पन्दन अनुभवित हों, वैसे झटके उस समय लगने लगे।
सब के प्राण ऊँचे हो गये। मैंने भी मानो आने वाली मौत की संभावना से मन मजबूत कर नवकार की ही शरण ली। रफ्तार से भाग रहे विमान के PILOT ने सबको अकस्मात् से बचाने के प्रयास में 8-10 TYRES को BURST कर दिया, जिससे विमान की गति खेत में अत्यल्प बन गई। किन्तु विमान के WHITE PETROL की आग से खेत में भी अग्नि प्रसरण होने लगा, और मैंने कुछ अन्धकार के वातावरण में ही देखा कि विमान की चारों और धुंआ फैल गया था। क्षणों में उड़कर आकाश में अद्धर होने के बजाय वही विमान अपनी आग झपट से सबके प्राण पंखेरु उड़ा दे ऐसी कल्पना में मेरे श्वासोच्छ्वास अद्धर हो गए किन्तु मुख से नवकार स्मरण न छूटा वह न ही छूटा ।
अचानक विमान धक्के की आवाज के साथ खेत में कोई वस्तु से टकराकर खड़ा रह गया। तब तक आग और धुंआ चारों ओर फैलने लगा
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