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- जिसके दिल में श्री नवकार, उसे करेगा क्या संसार?
मंत्र छोटा, महिमा बड़ी में मेरा अनुभव बताने एवं नवकार महामंत्र की महिमा एवं उसका प्रत्यक्ष प्रभाव कैसा है? वह कहने के लिए इस लेखनी को कागज पर अंकित करने का प्रयास करता हूँ। जैन धर्म में नवकार मंत्र का स्थान ऊँचा है। जो मानव नवकार मैया की गोद में चला जाये उसका यह अवश्यमेव रक्षण करता ही है। इसमें शंका का कहीं कोई स्थान नहीं है। बाकी श्रद्धा का तेल डालना जरूरी लगता है।
पन्द्रह वर्ष पूर्व मेरे बड़े भाई (तरुण भाइ) तीर्थरत्नसागरजी ने केसरीयाजी तीर्थ में दीक्षा ग्रहण की। उस समय मैंने एक सौगंध , नवकार मंत्र की माला गिनने की ली, वह नियमित गिनता रहा और मेरे हदय में अजीब उत्साह बढ़ने लगा।
एक दिन मैं मुंबई सामान खरीदने गया और गुंडों की एक टोली ने मुझे घेर लिया। मैंने नवकार का स्मरण शुरू किया। मेरा नौकर माल लेकर मेरे साथ चल रहा था। इस टोली को मैं पहचान गया, किंतु छुटना मुश्किल था। चारों ओर व्यापारियों को देखा किंतु सहायता करने आये ऐसा कोई दिखाई नहीं दिया, क्योंकि गुंडों के सामने कौन फँसे? किंतु मेरे श्वासोच्छ्वास में महामंत्र का स्मरण गूंज रहा था। साक्षात् इस मंत्र ने हदय कमल में प्रवेश कर मेरा रक्षण किया। इन गुंडों ने मेरी टांग में टांग | डालने का बहुत प्रयत्न किया। नौकर आगे निकला तो उसका सामान गिरा डाला, फिर भी मैं मौन रहा। मैं थोड़ा आगे बढ़ा तो उन लोगों ने कहा, "हमारे साथ चलो। " मैं और नौकर गये तो एक अंधेरे युक्त बिल्डींग में ले गये। गुंडों ने धारदार चाकू बाहर निकाला, जो देखकर अच्छे-अच्छों की आँखे बंद हो जाएं। ऐसे समय में मृत्यु के मुँह में से बचाने वाला हिम्मत देने वाला यह महामंत्र ही था। उन्होंने धमकाते हुए कहा, "जो हो वह दे दो। " मैंने कहा -"यह सामान एवं थोड़े पैसे हैं। चाहिए तो ले लो।'' किंतु वास्तव में उस समय ऐसे चमत्कार का सृजन हुआ कि गुंडों
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