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-जिसके दिल में श्री नवकार, उसे करेगा क्या संसार? - एक सामान्य आदमी की तरह स्वयं चल रहे थे। उनके आश्चर्य का पार नहीं रहा। यह बात पूरे गांव में फैल गई। सभी श्री नवकार महामंत्र का एवं पू. गुरुदेव के आशीर्वाद का प्रत्यक्ष चमत्कार देखकर आश्चर्य में डूब गए। वह भाई तब से जीवन के अंत तक प्रतिदिन कम से कम नवकार की पांच माला अवश्य गिनते थे। ___ यह बात आंबरड़ी के लोग तथा वागड़वाले भाई अच्छी तरह से जानते हैं। भूकंप में निष्कंपता देता श्री नवकार
वि.सं. 2012 की साल में आषाढ़ सुदि 14 के दिन कच्छ-भचाउ नगर में पू. आ.श्री विजय कनकसूरीश्वरजी म.सा. की निश्रा में श्रावक चौमासी प्रतिक्रमण कर रहे थे। प्रतिक्रमण पूरा होने के बाद श्रावक सामायिक पाल रहे थे। तभी अचानक ही धनन न न... धरती कांपने लगी। पूरा उपाश्रय हिलने लगों जैसे ट्रेन चल रही हो!
"अरे! यह तो भकंप...भागो, भागो की आवाज के साथ सामायिक पाले बिना ही कितने श्रावक तो भागने लगे। उनका भागना सहज था, क्योंकि उपाश्रय नया बना हुआ था और उसकी छत पर सैंकड़ो मण पत्थर पड़े थे। ___ ऐसी विषम परिस्थिति में पू. सूरिजी ने स्वस्थतापूर्वक कहा-"सभी शांति से यहां बैठ जाओ, मन में नवकार गिनो, कुछ भी नहीं होगा।" सभी बैठ गए। नवकार गिनने लगे। धरती का कंपन बंद हो गया। ओह! कितने बड़े आश्चर्य की बात थी कि, उपाश्रय गिरना तो दूर रहा परन्तु छत के ऊपर का एक पत्थर भी नीचे नहीं गिरा। इतना ही नहीं किले के अन्तर्गत गांव के भी मकान नहीं गिरे थे। जबकि भचाउ से थोड़े ही दूर अंजार-धमड़का आदि गांवों में बहुत जन-धन की हानि हुई थी। यह बात सभी अच्छी तरह से जानते हैं। आनन्द की बाढ़ आई
वि.सं. 2030 मागशीर्ष माह में राता महावीर (राज.) में उपधान चल रहा था। अध्यात्मनिष्ठ पूज्य पंन्यासजीश्री भद्रंकरविजयजी म.सा., अ
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