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-जिसके दिल में श्री नवकार, उसे करेगा क्या संसार? वन-विभाग की चेक पोस्ट आयेगी और वहां से दस कोस जाने पर माताजी का मन्दिर आयेगा।"
सभी को थोड़ी शान्ति हुई। नवकार मंत्र के साथ धीरे-धीरे गाड़ी आगे बढ़ी। थोड़ी दूर, वन-विभाग का चैक-पोस्ट आ गया। तब सभी के मुंह पर हर्ष की रेखाएं छा गयीं और लगा कि नवकार मंत्र का प्रभाव कितना है!
बात यहां से अटकती नहीं है। हमारी जंगल के गार्ड से | पूछताछ चालु थी। उसी समय जंगल के अधिकारी श्री सिंहा साहब जीप से वहां आए। हमारी पूछताछ के बाद उन्होंने सलाह दी कि, "वर्तमान में कनकाई जाना उचित नहीं है। रास्ता बहुत ही खराब है। पिछले तीन महिनों से हम भी वहाँ नहीं गए और तम्हारे साथ तो स्त्री वर्ग है, तब व्यर्थ जोखिम लेना उचित नहीं है। खड्डों, टेकरों और घाटियों के कारण तुम्हारी गाड़ी खराब हो जाये तो तुम्हारी स्थिति खराब हो जाएगी। मेरी सलाह है कि तुम यहां से वापिस जाओ।" परन्तु हमने मन ही मन निर्णय कर लिया था कि नवकार महामंत्र के प्रभाव से यहां तक पहुँच गये हैं तो इसी नवकार मंत्र के प्रभाव से निर्विघ्नता से निश्चित स्थल तक पहुँच जायेंगे।
हम हिम्मत से आगे बढ़े। खड्डे, टेकरियां, घना जंगल, दोनों किनारों पर घाटियों से बहते झरनों को पार कर, नवकार मंत्र के जाप के साथ 24 कि.मी. का रास्ता ढाई घण्टों में काटकर कनकाई के घोर जंगल के बीच माताजी के मन्दिर की ध्वजा के दर्शन हुए, तब परिवार के सदस्यों और बालकों के मुख पर आनंद की रेखाएं छा गई और सभी खूब मस्ती में आ गए। सभी को विश्वास हुआ कि यह नवकार मंत्र एक अद्भुत चमत्कारिक महामंत्र है।
लेखक - रसिकलाल सी. पारेख
तंत्री - "जैन क्रान्ति' पाक्षिक 31-36 करणपरा, राजकोट - 360001
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