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- जिसके दिल में श्री नवकार, उसे करेगा क्या संसार? अपलक दृष्टि से मेरे सामने देखता रहा। किसी वशीकरण के प्रयोग की तरह ही, बिना कुछ बोले करीब पांच मिनट होने लगे। मैंने भी खूब श्रद्धापूर्वक नवकार का जाप चालु रखा। कुछ ही क्षणों के बाद बावाजी ने मौन तोड़ते हुए मुझे कहा, 'बच्चा, तुम कोई विद्या जानते हो?' मैंने जवाब दिया "हमारे पास आप जैसी विद्या कहां से हो सकती है?" उन्होंने कहा "तुम झूठ बोलते हो, तुम अभी जो मंत्र जाप करते हो, इससे मेरी वशीकरण विद्या निष्फल हो रही है।" फिर प्रश्न किया, "तुम्हारी शादी हो गई?" अब मुझ में हिम्मत आ गयी थी। मैंने वापिस प्रश्न किया "आप अपनी विद्या से बताओ।" उन्होंने कहा, "शादी हुई नहीं है, मगर [15 दिन में तय हो जायेगी।" मुझे इस वर्ष कोई शादी करनी ही नहीं थी
और शादी की कोई बात भी नहीं चल रही थी। मुझे लगा कि बावाजी गलत बोल रहे हैं।
फिर बावाजी ने मुझे 100 से 110 के बीच की कोई संख्या सोचने को कहा। मैंने मन में 105 सोचा। दूसरे ही क्षण उन्होंने कागज पर 105 लिख दिया। यह देखकर मैं चकित हुआ। बावाजी जाते-जाते कहते गये, "तेरा मंत्र जोरदार है। मेरे इतने वर्ष की साधना और शक्ति आज अपना चमत्कार नहीं दिखा सकी। छह महीने बाद आऊंगा" यह कहकर बावा चला गया, वह आज तक नहीं आया। उसके बाद 15 दिन में मेरी सगाई और एक महीने में शादी हो गई। उस दिन से ही नवकार मंत्र के ऊपर मेरी श्रद्धा अत्यंत बढ़ गई।
उसके बाद तो नवकार मंत्र के प्रभाव से छोटे-बड़े अनेक प्रसंगों द्वारा नवकार के प्रति मेरी श्रद्धा उत्तरोत्तर बढ़ती ही गयी। उसमें से दो-तीन प्रसंगों का यहां उल्लेख करता हूँ। "नवकार ने जीवन बचाया "
आयंबिल की ओली के दिन थे। मैंने भी ओली करने का निर्णय किया। आयंबिल का तीसरा दिन और इसी दिन एक ट्रक का सौदा हुआ। और दोपहर एक बजे से दो बजे तक मैं जोगेश्वरी (ईस्ट) में श्रीपालराजा
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