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________________ सात, आठ कदम चलते इस दिशा में तो मोत का कुआँ था। भयंकर बावड़ी थी। उसमें गिर जाते तो प्राण पंखेरू उड़ जाते । सौ कदम के भीतर ही सड़क पर एक प्याऊ में ड्रायवर ने ठहरा दिया। हम वस्त्र को व्यवस्थित करने में लगे कि ड्रायवर चला गया। तत्पश्चात् हमने खूब आवाज लगाई पर न तो ट्रक दिखाई न ड्रायवर । आज भी वह दिन याद आता है तो शरीर कंपायमान हो जाता है। मेरी तो यही मान्यता है कि श्री नमस्कार महामंत्र के प्रभाव से ही जीवन दान मिला । मेरा अनुभव : जीवन के अन्दर अनेक प्रकार के कार्य करते हैं। कहीं कहीं विघ्न आना भी स्वाभाविक है। किन्तु उन विघ्नों को पार करने के लिये चिन्तन करना भी आवश्यक है। चिन्तन के साथ ही नमस्कार मंत्र का जाप एक ऐसी दिव्य शक्ति है कि स्वप्न भी साकार हो जाता है। अनेक कार्यों में आशातीत सफलता मिलती है। नमस्कार मंत्र में विज्ञान छिपा हुआ है। रंग विज्ञान, भेद विज्ञान, कर्म विज्ञान, यंत्र तंत्र विज्ञान, सभी का समावेश नवकार मंत्र में है। विचारों को गतिशील बनाने में भी नवकार की प्रेरक भूमिका रहती है। अणु और परमाणुओं को शुद्ध करने में नवकार महामंत्र एक सशक्त मंत्र है। मेरे जीवन में भी अनेक प्रसंगों पर नवकार मंत्र ने सहयोग दिया है। ताजी ही घटना इस प्रकार है --- वि. सं. २०४२ आषाढ वदी १२ दि. १५-६-८५ शनिवार को सुबह उदयगढ म. प्र. विहार करके प्रातः काल ९ || बजे राणापुर म. प्र. हम दो मुनि : रविन्द्र विजयजी और मैं पहुँचे। प्रमुख मार्ग से होते हुए जैन धर्मशाला के सामने पहुँचे ही थे कि कुछ भ्रमित मति वाले उपहास के साथ वृत्ति और द्वेष बुद्धि के कारण घातक शस्त्र लेकर मारने दौड़े और अपशब्दों की वर्षा करने लगे। इस आये अचानक विकट संकट से पार उतरने के लिये श्री नवकार मंत्र का शरण लिया। जैसे ही मैनें नवकार मंत्र का मानसिक जाप प्रारंभ किया कि कुछ सभ्य लोग आक्रमणकारी तत्त्वों को खींच कर दूर ले गये तथा हमें इस प्रकार संकट से मुक्ति मिली। इस द्रश्य को देखने वाले करीबन ५००-६०० व्यक्ति थे। सभी ने हमें सहानुभूति दी। सब को हमने शान्त किया तथा अपने गंतव्य की और आगे बढ़ गये। नवकार का चमत्कार : नवकार का चमत्कार आज भी विद्यमान है। परम आस्था के साथ हृदय कमल में नवकार का ध्यान करें तो बाह्य संकट तो क्या आंतरिक कर्मों का संकट भी टल सकता है। इन्यलस्। शुभम्
SR No.032463
Book TitleJena Haiye Navkar Tene Karshe Shu Sansar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahodaysagar
PublisherKastur Prakashan Trust
Publication Year2015
Total Pages260
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size33 MB
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