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सन्दर्भ सूची
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140. तत्वार्थवार्तिक 9/6/16 141. चर्चा संग्रह पृ. 119/ सम्पादक डॉ. योगेश चन्द्र जैन 142. भूलाचार वृतति सहित 6/73
143. मूलाचार वृत्ति - गा. 492 (ज्ञानपीठ प्रकाशन) 144. मूलाचार वृत्ति 5/121 145. भगवती आराधना 1200 की विजयोदया टीका पृ. 607-8, प्रकाशक जैन संस्कृति
संरक्षक संघ सोलापुर, संस्करण 1978 146. उत्तराध्ययन 26/11-12 147. दशाश्रुत स्कन्ध 2/3 148. दशवकालिक 8/28 149. मूलाचार 5/99 150. दशवैकालिक 5/1/8 151. मूलाचार गा. 494, ज्ञानपीठ प्रकाशन, संस्करण 1984 152. वही गा. 493 153. भ.आ.गा. 1200 की विजयोदया टीका पृ. 608-609, (संस्करण 1978)
सोलापुर प्रकाशन 154. मूलाचार वृत्ति 5/121 155. मूलाचार गा. 355 की वृत्ति; अनगार धर्मामृत स्वोपज्ञवृतिमें
"कांस्यभाजनेन रुप्यभाजनेन सुवर्णभाजनेन मन्मयभाजनेन वा ददाति तदा
गृहीष्यामीति----- 17/26 ' 156. गत्तापच्चागंद उज्जुवीहि गोमुत्तियं च पेलवियं ।
सम्बूका वटॅपि य पदंगवीधी य गोयरिया।।
भगवती आ. वि. टीका - 220 (सोलापुर प्रकाशन ) 157. विद्युदिव स्वां तनुं च दर्शयेत् - भगवती आराधना, विजयोदया - 1206 । 158. पिच्छं कमण्डलु वामहस्ते स्कन्धे तु दक्षिणम्।
हस्तं निधाय संदृष्टया स व्रजेत श्रावकालयम् । धर्म रसिक 12/70 पृ. 354
159. आदिपुराण पृ. 459 अलीगंज के मन्दिर में स्थित हस्तलिखित प्रति से। 160. मूलाचार 6/20 161. वही 9/46 162. अण्णद मणुण्णादं भिक्खणिच्चुच्चमझिम कुलेसु।
घर पंतिहि हिडांति य मोणेण मुणी समादिति।। मूलाचार 9/47 163. नीचोच्चमध्यमकुलेसु दरिद्रेश्वर समान गृहिषु गृहपंक्त्या हिंडति पर्यटति - मूलाचार
...वृत्ति 9/47