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शिष्योंको उपदेश देते आचार्य प्रभाचन्द्र (द्वितीय) भगवान आचार्यदेव
श्री प्रभाचन्द्र आचार्य (द्वितीय)
'प्रभाचन्द्र' नामक कई आचार्य हुए हैं, उसमें आप ई. की ७वीं शताब्दिके आचार्य हैं। वैसे आपका जीवन विशेष अधिक परिचित नहीं है, और कहीं विशेष नाम उल्लेख भी नहीं आता । परन्तु आपने अपने जीवनकालमें एक नवीन ही ' तत्त्वार्थसूत्र' की रचना की है । यद्यपि इसमें श्रुतधर आचार्य गृद्धपिच्छस्वामीके तत्त्वार्थसूत्रका अनुसरण तो है ही, परन्तु सूत्र रचना संक्षिप्त व अन्य आचार्योंकी अन्य रचनाओंके आधारसे विशेष स्पष्टता सह है । कहीं-कहीं उमास्वामी तत्त्वार्थसूत्रसे आधिक्यता भी प्रतीत होती है।
इस 'तत्त्वार्थसूत्र' का गहरा अवलोकन करनेसे यह भी ज्ञात होता है, कि आपने 'अर्हत्प्रवचन' का अवलोकन कर ही यह रचना बनाई है।
आपका अपरनाम 'बृहद्प्रभाचन्द्र' के रूपमें भी प्रसिद्ध है । आप ई.स. की सातवीं शताब्दी उत्तरार्धके आचार्य थे। आचार्यदेव प्रभाचंद्र (द्वितीय) को कोटि कोटि वंदन । (116)