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दृष्टांत : २५
३०७ फिर लोगों ने पूछा-संबंध कर दिया तब बोला-धक्कम-धक्का तो हुआ है। ..
हल्ला सुनकर रात्रि में स्त्री ने पूछा--दो दिन हुए कचहरी में हो हल्ला क्यों होता है ?
तब राव रुघनाथ ने कहा--पुत्र को गोद में लिये एक दरिद्री गरीब अग्रवाल आकर कहता है ... "तुम्हारी लड़की से हमारे लड़के का संबंध करो" इसलिए हल्ला होता है ।
तब स्त्री ने पूछा -लड़का कैसा है ? राव रुघनाथ बोला- लड़का तो सुन्दर है, पर घर में कुछ नहीं है।
स्त्री ने कहा तुम्हारे जैसा कहां से लाओगे ? तुम तो बादशाह का काम करने वाले हो, वैसा दूसरा नहीं मिलेगा । उसके घर में धन नहीं तो हमारे घर में तो बहुत है फिर उसके धनवान होने में क्या समय लगता है।
यह सुनकर राव रुघनाथ के दिल में भी यह बात बैठ गई। तीसरे दिन वही गरीब अग्रवाल कचहरी में आकर फिर वैसे ही बोला। स्त्रियों ने ऊपर से देखा तो बडारण/नौकरानी को भेजकर लड़के को बुला लिया।
सुन्दर/स्वरूपवान देखकर तिलक लगा कर संबंध कर लिया और गहना तथा वस्त्र पहना कर पालकी पर बिठाकर सम्मान पूर्वक विदा किया। बहुत से लोगों से घिरे छड़ीदार सिपाही और सेवकों के झुंड के साथ बाजार मार्ग से महलों में डेरा जमा दिया । लाखों रुपये सौंप दिये । बाजार से पालकी जाती देखकर लोग बोले-थुक्कम थक्का, धक्कम धक्का वाला संबंध कर "छक्कमछक्का" कर आया है।
इस प्रकार जाति, कुल शुद्ध था इसलिए अच्छे घराने से संबंध हुआ। भैरूंदास बोला --वैसे ही आप शुद्ध साधुत्व पालते हो इसलिए सभी आपके चरणों में ही आते लगते हैं।