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दृष्टांत : २५
२७३ रह्या । कुसाल बागोर वालौ जद टोळा मै हूं तो ते बोल्यो-इण खेत्र मै स्वामीजी रै आवा रौ काम ईज कांई है ?
जद स्वामीजी बोल्या-औ तौ काचौ । ___ स्वामीजी नै घणराज ऊधौ अवळी बोल्यौ, आ बात सिवदासजी गांधी राणांजी रौ प्रधान फौज मै हुँतौ त्यां सुणनै ओळूभो मेल्यौ। यूं घोटो लेई भीखणजी कनै जाय अजोग बोल्यौ । इसो सूरो है तो फोज साहमो जायनै कजीयो करै नीं। साधां तूं क्यूं कजीयौ करै।
पछै भैरूंदास चंडाल्यौ बोल्यौ-ऐ आप सं कजीयौ करै, पिण सर्व थोड़ा दिनां मै आपरा ईज ठहरता दीसे है । तिण ऊपर एक दृष्टांत सुणी-दिल्ली में पातसाह राज करै । मूंहढ़ा आगे राव रुघनाथ। अग्रवाल जाति । न्याव, तपास, सर्व काम रो करता । देश मै हुकम प्रसिद्ध है । तिण दिल्ली मै एक गरीब अगरवालो पोता रा पुत्र ने झुग्गो, टोपी पेयराय सिणगार नै गोद लेई बाजार मै आयो जद किणहि हांसी करी पुत्र नै सिणगारयौ है, सो कांई राव रुघनाथ री बेटी सं सगपण करवा रौ मतौ है ? जद ओ बोल्यौ-इण बात रो मोसो कांई बाहवे, जाति न्यात सुध हुवै कोई रै धन घणौ ह कोई रे थोड़ो हुवै तौ पिण सगपण रौ अटकाव नहीं, इम कही ते गरीब अगरवालो राव रुघनाथ री कचेड़ी में सैकड़ों लोक बैठा तिहां आय बोल्यौ-राव रुघनाथ ! तुम्हारी लड़की, हमारा लड़का, सगपण करौ।"
जद रूघनाथ री कुनिजर देख नै महढ़ा आगला निषेध गाळ्यां बोलने रैकारा तूंकारा देई बारै काढ़ दीयौ । पाछौ बाजार मै आयौ ।
लोकां पूछ्यौ-सगपण कीयौ ? जद ऊ बोल्यौ-थुक्कमथुक्का तो हुआ है।
बीजे दिन डावरा नै सिणगार गोद लेई, फेर कचेड़ी मै जाय बोल्योराव रुघनाथ ! तुम्हारी लड़की हमारा लड़का सगपण करौ" जद धक्का देई वारै कढ़ाय दीयौ।
__फेर लोकां पूछ्यौ-सगपण कीयौ जद बोल्यौ-धक्कमधक्का तो हुआ है । हाको सुणनै रात्रि मै स्त्री पूछ्यौ-दोय दिन थया कचेड़ी मै बेदो क्यूं हुवै ?
जद राव रुघनाथ कह्यौ-एक दलद्री अगरवालो बेटा नै गोद लेई आय नै कहै—"तुम्हारी लड़की, हमारा लड़का, सगपण करौ।" इण कारण हाको हुवै। ___ जद स्त्री पूछ्यौ--डावरौ किसोयक है ?
जद राव रुघनाथ कहै-डावरौ तौ फूट रौ है, पिण घर मै खाली है।
स्त्रियां कह्यौ-थां जिसो कठा ल्यास्यौ ? थे तो पातसाह रा काम रा करता, इसौ दूजो नहीं, उणरा घर मै नहीं तो आपां रा घर में धन घणी ई है, सो ऊ धनवंत हुँतौ कांई वेळा लागे।