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क्रमांक २७८. टंटो मिट्यो २७९. वरतारौ समदृष्टि देवता रौ २८०. इसौ साधु रौ मार्ग २८१. तिण में दोष नहीं २८२. संथारो करणौ २८३. वांदणा बगड़े ज्यांरा गवीज २८४. घर तो लूट लियौ नै माथै वळे डंड २८५. वर्तमान काले मून २८६. सामायक ने धको देई पाई है २८७. एहीज भाव भक्ति करसी २८८. अबारू टीपण तेज है २८९. देवाळी किम ऊतरै ? २९०. दान मुख्य काया जोग २९१. घी सहित घाट उरही लीधी २९२. सब घरां में गोचरी क्यूं नहीं जावी ? २९३. जैसा गुरु वैसा देव और धर्म २९४. म्हारै करणी सं कांई २९५. माहै तांबो नै ऊपर रूपो २९६. आप 'जी' क्यूं कहवो ? २९७. सपूत कपूत २९८. चोधरपणं में खींचातांण घणी २९९. धसका पड़े ३००. पीळी ही पीळी निजर आवै ३०१. तीन नावा ३०२. ते कांई साधपणी पाळे ? ३०३. पकवान तो कड़वा कीधा ३०४. म्हे कातीक रा ज्योतिसी छां ३०५. मिथ्यात रोग गमावा रौ अर्थी ३०६. नीसाणे चोट लागे है ३०७. ओ मार्ग किता वर्ष चालसी? ३०८. नाम में फेर है ३०९. उर्व तो खप करै है ३१०. भीखणजी चोखा साध है ३११. न करावी तौ सरावो क्यूं ? ३१२. थाप क्यूं करौ ? .
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