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वरंगचरिउ
धम्मेण हुंति सुय विणयवंत धमें दुल्लहु तं सुलहु होइ धम्मं विविहइ हम्मइ हवंति धम्मेण हुंति हरि - करि-रहाइ वरआइवत्त धम्मेण हुंति
धम्मेण हुंति णरवइ महंत । धम्में कित्तीजसु भइ लोय । धम्म जणवउ आणइ वहति ।
6. A, K, N, हम्मइ 7. A, K, सवइ
जाणइ जंपाणइ पंडुराइ । वरसुर-खेर पायइ णवंति ।
घत्ता- रिउखंडराउ धम्में हवइ, विहि घणइ वरिद्धि सवई' | पुणु लब्भइ सिवपउ अतुल सुहु णाण तेययालउ लहइ । । १५ ।।
इय वर-वरंगचरिए पंडियसिरितेयपालविरइए । मुणिविउलकित्ति - सुपसाए । वरंग ललितणयरिसिद्विपउपत्तोणामवीउसंधीपरिच्छेउसमत्तो ।। द्वितीय संधि ।।