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वरंगचरिउ
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दुवई - ता णिसुणेवि कुमरियम घायउ परधणं हरणलुद्धउ ।
तोणा' जुयलु' सरासणु धारिउ रे रे दुट्ठधिष्ट वणिणंदण घाय वि कत्थ जासि रे पाविय तिक्ख' पुंख परजीविय लुद्धा वरतणिअंगहि आइ वि लग्गा सुंदरु केम रहिउ समरंगणि दोहिमि रणु रउद्दु संजायउ पुणु रूसिवि कुमारि के किद्धउ जय-जय सद्दु समुट्ठिउ णहयलि णिय णरेंदु पंचत्तउ मणिवि
णिउसुउ वणिवरेहि सुपसंसिउ जयसिरि वरणउद्धउ ।। छ । । णियणंदणु मारिउ णिसुणेविणु महकालु वि पत्तउ असिलेविणु । आय वि तेण कुवरु पच्चारिउ । पुत्तु महारउ वि यणाणंदणु । इय भणेवि' मग्गण वरसाविय । असरिस विसमइ लोह णिवद्धा । पिक्खिवि' वणिवर सयल विभग्गा । गय घड अग्गइ पंचाणणु वणि । दोहिमि वाणहि भिण्णिय कायउ । महकालु वि जम्माणणि दिवउ । सुहिय पसंसि पइ जित्तउ वलि । सवर पलाणारणु अवगण्णिवि' । किं वणयरगणु रहइ तुरंतउ । तहि किं कम्मसमूहु ण° घायउ । भइ वयणु को पद्मं समुमाणउ । पइं किउ सवरह" बलु वेयल्लउ । तुझ सरिसु को अवरु अणंगउ । हि णिवद्ध कित्तिय धयवडउ । धम्मरसायणु सुंदर सिक्खिउ । जीविउ दिण्णउ । सुरगिरि समु धीरतणु विहिउ तुहु" जि एकु जगि धण्णउ । । ११ । ।
हि वरं वसु प संपत्तउ हि जिवर वरणाणु परायउ तहि अवसर वणिवरह पहाणउ
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गोहु रयणु महि तुहु एकल्लउ पइं" मिल्लिवि वसुमइ को चंग पद्मं घोसिउ जयम्मि जस पडहउ वणिवर संघु मरंतउ रक्खिउ णियवंसुज्जलु पद्मं कियउ अम्हहं
घत्ता
11. 1. N, तोण 2. A, जुयंलु 3. K, भणवि 4. A, K, N, तिख 5. K, लुद्ध 6. A, णिवइ N, णिवद्ध 7. A, K, N, पिखिवि 8. A, K, N, अवगण्णेवि 9. N, समूह 10. A, ण्ण 11. A, K, N, सवरहं 12. K, N, पइ 13. A, N, ° रस्सायणु 14. N, तुहुं